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EPFO Subscriber: कर्मचारी की मृत्यु के बाद परिवार को मिलता है EDLI का लाभ, जानिए इसके बारे में

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EDLI: अगर किसी EPFO सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी कंडीशन में उसके जीवनसाथी या फिर बच्चों को ईडीएलआई के तहत लाभ दिया जाता है.

EDLI:  कई लोगों ने कोरोना के दौरान अपने करीबियों को खोया है. परिवार के कमाऊ सदस्य का चला जाना इमोशनली ही नहीं फाइनेंशियली भी एक बहुत बड़ा झटका है. ऐसे में कई लोगों को EPF से जुड़ी पूरी जानकारी ना होने के कारण वह इसका लाभ नहीं उठा पाते. कर्मचारी भविष्य निधि यानि कि ईपीएफ में नॉमिनी के तौर पर जुड़े लोग खाते की राशि को लेकर दावा करने का अधिकार रखते हैं. इम्पलॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) स्कीम एक ऐसी ही योजना है. कई बार कर्मचारी जानकारी के अभाव में नॉमिनी नहीं जोड़ते हैं. ऐसी हालत में राशि के लिए कानूनी उत्तराधिकारी अपना दावा कर सकते हैं. EDLI स्कीम 1976 के तहत मिनिमम बीमा कंपनसेशन की राशि 2.5 लाख रुपए निर्धारित की गई थी. जिसे बढ़ाते हुए सरकार ने 28 अप्रैल 2021 के नोटीफिकेशन में 6 लाख से 7 लाख कर दिया है.

किसे और कितना मिलता है लाभ


ईपीएफओ के द्वारा तीन योजनाएं ईपीएफ स्कीम (EPF), पेंशन स्कीम (EPS) और इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) को संचालित किया जाता है. इंश्योरेंस की स्कीम का फायदा उठाने के लिए कर्मचारी को अलग से कोई कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं देना होता है. इसके द्वारा योगदान नियोक्ता द्वारा ही दिया जाता है. ऐसे कर्मचारी जो ऑर्गनाइज्ड  ग्रुप में काम करते हैं, उनकी सैलरी और डीए का 12 प्रतिशत हिस्सा ईपीएफ (इम्प्लाइ प्रोविडेंट फंड) में जाता है. जिसमें 12 फीसदी का कॉन्ट्रिब्यूशन कंपनी द्वारा किया जाता है. EDLI स्कीम 1976 के तहत मिनिमम बीमा कंपनसेशन की राशि 2.5 लाख रुपए निर्धारित की गई थी. जिसे बढ़ाते हुए सरकार ने 28 अप्रैल 2021 के नोटीफिकेशन में 6 लाख से 7 लाख कर दिया है.

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ऐसे तय होती है राशि 

किसी भी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके नॉमिनी को पिछले 12 महीने की औसत सैलरी की 30 गुना राशि 20% बोनस के साथ मिलती है. अगर 15,000 रुपए की बेसिक इनकम की सीलिंग की बात करें तो 30×15,000 = 4,50,000 रुपए मिलेगा इसके अलावा बोनस अमाउंट  ₹2,50,000  भी क्लेम किए जाने वाले नॉमिनी को मिलता है. यानि कि ये रकम कुल मिलाकर 7 लाख रुपए तक हो सकती है.

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कैसे करें क्लेम 


यदि EPF Subscriber की अचानक मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी या फिर कानूनी उत्तराधिकारी ईपीएफओ का फॉर्म भरते समय FORM- 5IF भरकर उसके साथ व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट लगाकर epfo ऑफिस में सबमिट कर सकते हैं. इसका भुगतान 30 दिन के अंदर ईपीएफओ द्वारा बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है. पीएफ खाते का कोई नॉमिनी ना होने पर कानूनी उत्तराधिकारी यह अमाउंट क्लेम कर सकता है.

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