हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के निगुलसरी में पहाड़ दरकने से लापता लोगों की तलाश के लिए सातवें दिन मंगलवार को भी सर्च अभियान चलाया। सातवें दिन प्रशासन को सफलता मिली है। मंगलवार को सुबह चार बजे अभियान शुरू किया गया। बचाव दल को लापता तीनों लोगों के शव बरामद हो गए हैं। इस हादसे में 28 लोगों की मौत हुई है। प्रशासन की ओर से अब सर्च आपरेशन समाप्त करने की घोषणा कर दी जाएगी।
बचाव कर्मियों को सोमवार को मलबे के बीच दो और शव मिले थे। इनकी पहचान मेहर चंद पुत्र जीतराम गांव टिक्करी, डाकघर खरगा तहसील निरमंड जिला कुल्लू और ज्वाला देवी पत्नी उमेश कुमार, गांव बरी तहसील निचार जिला किन्नौर के रूप में हुई है। कल तक 25 लोगों के शव मलबे से निकाले जा चुके थे और आज सुबह तीन लोगों की तलाश की जा रही थी, जिसमें सफलता मिली है। सर्च आपरेशन में सेना व एनडीआरएफ के अलावा हिमाचल पुलिस व गृहरक्षक भी जुटे थे।
जवान जान जोखिम में डालकर गहरी खाई में रस्सी के सहारे उतर रहे थे। जिला प्रशासन किन्नौर की आपदा प्रबंधन टीम में गृहरक्षक भी शामिल रही। जहां से बस मलबे के साथ नीचे गिरी थी, वहां से नीचे भी जवानों ने भी सर्च आपरेशन चलाया और सभी लापता लोगों को तलाश लिया। सोमवार को निकाले गए दो शवों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भावानगर में पोस्टमार्टम कर स्वजनों को सौंप दिया है।
11 अगस्त को किन्नौर के निगुलसरी में पहाड़ दरकने से हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस समेत पांच वाहन मलबे की चपेट में आ गए थे। यहां से 13 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था। तीन लोगों का भी भी कोई सुराग नहीं लग पाया था, जिन्हें मंगलवार को ढूंढ लिया गया है। पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण राहत कार्य प्रभावित होता रहा।