घर या फ्लैट बनवाते समय वास्तु शास्त्र का विशेष ध्यान रखा जाता है. हालांकि आजकल लोग फ्लैट खरीदते वक्त वास्तु का विचार नहीं करते है, लेकिन सच्चाई यह कि किसी भी स्थान के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन किया जाना चाहिए.
नई दिल्ली: घर या फ्लैट बनवाते समय वास्तु शास्त्र का विशेष ध्यान रखा जाता है. हालांकि आजकल लोग फ्लैट खरीदते वक्त वास्तु का विचार नहीं करते है, लेकिन सच्चाई यह कि किसी भी स्थान के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन किया जाना चाहिए. क्योंकि छोटा से छोटा वास्तु दोष भी घर की ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है. खिड़कियां घर में आने वाली सकारात्मक ऊर्जा का द्वार मानी जाती हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार खिड़कियों को सही ढंग से रखना महत्वपूर्ण होता है. खिड़कियों से जुड़े वास्तु नियम की अनदेखी नहीं करना चाहिए. ऐसे में जानते हैं खिड़कियों से जुड़े वास्तु टिप्स.
दक्षिण व पश्चिम दिशा की खिड़कियां
अगर पश्चिम या उत्तर दिशा में खिड़कियां लगाना चाहते हैं तो इन दिशाओं में छोटी खिड़कियां लगाना अच्छा है. वहीं अगर इन दिशाओं में जगह चौड़ी या खुली है तो ऐसे में उधर खिड़कियां ना लगवाएं.
इस दिशा में लगाएं खिड़कियां
वास्तु शास्त्र के मुताबिक अगर पूरब-उत्तर या पूरब दिशा में खिड़कियां लगवाते हैं तो वह पड़ी होनी चाहिए. क्योंकि इससे घर में सूर्य की रोशनी के साथ-साथ घर में सकरात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहेगा.
सम संख्या में होनी चाहिए खिड़कियां
वास्तु शास्त्र में खिड़कियों को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है. उन्नति के लिए घर में सम संख्या में खिड़कियां लगानी चहिए. घर में खिड़कियों की संख्या 2, 4, 8 में होनी चाहिए.
दो पल्लों की खिड़कियां हैं शुभ
वास्तु शास्त्र में दो पल्लों की खिड़कियां शुभ मानी गई हैं. साथ ही ये अंदर की ओर खुलने वाले होने चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता रहता है.
दक्षिण-पश्चिम दिशा में ना रखें खिड़कियां
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर की दक्षिण और पश्चिम दिशा में खिड़कियां नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ऐसा होने से सेहत से संबंधित परेशानियां होती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.)