जानकारी के अनुसार सपा प्रत्याशी अभय सिंह और भाजपा नेता विकास सिंह का गुट आमने-सामने आ गया जिसके बाद मौके पर हवाई फायरिंग और पथराव हुआ।
अयोध्या में गोसाईगंज विधानसभा सीट पर दो बाहुबलियों का चुनाव खूनी संघर्ष का रूप ले रहा है। थाना महाराजगंज से कुछ ही दूरी पर शुक्रवार रात करीब 8 बजे नेव कबीरपुर गांव के पास दोनों गुट एक बार फिर आमने-सामने आ गए। इस दौरान दोनों पक्ष में कई राउंड हवाई फायरिंग व पत्थरबाजी भी हुई। इससे दोनों पक्ष की कुछ गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई। इसके बाद दोनों पक्ष थाना महाराजगंज में तहरीर लेकर पहुंचे तो वहां भी दोनों के समर्थक एकत्र हो गए। यहां भी विवाद हुआ। दोनों पक्षों के बीच ईंट-पत्थर चलने पर पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को खदेड़ा। दोनों पक्ष देर रात तक अपना-अपना केस दर्ज कराने का प्रयास करते रहे। सुबह करीब 4 बजे पुलिस ने सपा प्रत्याशी अभय सिह व पांच अन्य को हिरासत में ले लिया। इन पर थाने में पथराव और फायरिंग का आरोप है।
अभी कुछ दिन पूर्व दोनों पक्षों में थाना महाराजगंज के कनकपुर गांव में दूसरे दिन बीकापुर कोतवाली के चौरे बाजार स्थित रामनगर मेें भी विवाद हुआ था। इसमें में भी दोनों पक्ष एक-दूसरे के ऊपर हमलावर हुए थे, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ था लेकिन गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं थीं। अब शुक्रवार रात करीब 8 बजे थाना महाराजगंज के नेव कबीरपुर गांव के पास एक बार दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। एक ओर से सपा प्रत्याशी बाहुबली अभय सिंह थे दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी आरती तिवारी के समर्थक विकास सिंह थे। आमने-सामने होने पर दोनों पक्षों में एक बार तनातनी हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस दौरान दोनों पक्ष में कई राउंड हवाई फायरिंग भी हुई। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। बाद में दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ, जिसमें कई गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुईं। घटना के बाद दोनों पक्ष थाने पहुंचे, यहां भी खूब तनातनी रही। थाने में तोड़फोड़ का प्रयास किया गया।
सपा प्रत्याशी अभय सिंह का आरोप है कि वह चुनाव प्रचार कर लौट रहे थे। तभी भाजपा प्रत्याशी आरती तिवारी के समर्थक विकास सिंह उनके सामने आ गए। उन्होंने उनके समर्थकों ने गाली देते हुए उनके ऊपर हमला किया। इस दौरान उनके ऊपर गोलियां भी चलाईं। वहीं भाजपा प्रत्याशी समर्थक विकास सिंह का कहना है कि अभय सिंह ने उनके ऊपर खुद गोलियां चलाईं। बाद में उनके लोगों ने उनकी गाड़ियों पर हमला किया। समाचार लिखे जाने तक दोनों पक्ष थाने के दोनों तरफ जुटे हुए थे। पुलिस ने दोनों पक्ष को हटाने के लिए बल प्रयोग भी किया। वहीं, एसएसपी, एसपी ग्रामीण, सीओ सदर समेत अन्य अधिकारी फोन रिसीव नहीं कर रहे थे।