अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर वो भारत से विचार-विमर्श करेंगे. इस मामले में नई दिल्ली ने अब तक बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. इसकी वजह है भारत और रूस के दशकों पुराने संबंध.
वॉशिंगटन: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के मुद्दे पर अमेरिका भारत से बात करेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने गुरुवार को कहा कि रूसी सैन्य अभियान के बाद गहराए यूक्रेन संकट पर वह भारत के साथ विचार-विमर्श करेंगे. दरअसल, यूक्रेन संकट पर व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया था. इस दौरान जब राष्ट्रपति से पूछा गया कि क्या भारत रूसी हमले पर अमेरिका के साथ पूरी तरह खड़ा है? तो इसके जवाब में उन्होंने विचार-विमर्श की बात कही.
US से मेल नहीं खाती भारत की सोच
ऐसा समझा जा रहा है कि यूक्रेन संकट को लेकर भारत और अमेरिका का रुख समान नहीं है. रूस के साथ भारत की पुरानी दोस्ती है. जबकि अमेरिका के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी पिछले डेढ़ दशक में अभूतपूर्व गति से बढ़ी है. नई दिल्ली इस मुद्दे पर अब तक सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त करती आई है. संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने जो बयान दिया था, वो रूस को पसंद आया था.
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Biden ने सेना भेजने से किया इनकार
वहीं, बाइडेन ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन पर आक्रमणकारी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को चुना. साथ ही उन्होंने रूस के खिलाफ नए आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की, लेकिन रूसी बलों के खिलाफ युद्ध के लिए यूक्रेन में अमेरिकी सेना को भेजने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया रूस के खिलाफ एकजुट है.
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‘US साइबर अटैक का देगा जवाब’
बाइडेन ने कहा कि यदि रूस अमेरिका पर साइबर हमला करता है, तो अमेरिका उसका जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने नाटो बलों की सहायता के लिए और बलों को भेजने की घोषणा भी की. यूएस प्रेसिडेंट ने कहा कि रूसी बैंकों, कुलीन वर्गों और उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाकर प्रतिबंध लगाए गए हैं. अमेरिका और उसके सहयोगी चार बड़े रूसी बैंकों की संपत्तियों को ब्लॉक करेंगे, निर्यात पर नियंत्रण लागू करेंगे और कुलीन वर्गों पर प्रतिबंध लगाएंगे. उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने हमले पर चर्चा के लिए अपने जी7 समकक्षों के साथ बैठक की. हमने रूस को जवाबदेह ठहराने के लिए विनाशकारी प्रतिबंध लगाने और अन्य आर्थिक कदम उठाने पर सहमति जताई है. हम यूक्रेन के लोगों के साथ हैं’.