All for Joomla All for Webmasters
टेक

रूस ने फेसबुक और ट्विटर पर दागे ‘मिसाइल’, कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किया बैन

Facebook Twitter Ban: रूस ने अब सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक और ट्विटर पर एक्शन लिया है. रूसी संसद ने फेक न्यूज को लेकर कड़े कानून का ऐलान किया था. संसद का आरोप है कि युद्ध के दौरान रूसी सेना के खिलाफ फेक न्यूज चलाया जा रहा है.

  • रूसी संसद ने फेक न्यूज को लेकर बनाया कानून
  • फेसबुक और ट्विटर के खिलाफ लिया एक्शन
  • मेटा पहले ही रूस के खिलाफ एक्शन ले चुका है

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति ने फेसबुक और ट्विटर के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. रूस ने फेसबुक को बैन कर दिया किया. जान लें कि मेटा पहले ही रूस के खिलाफ एक्शन ले चुका है. मेटा फेसबुक चलाने वाली कंपनी है. रूस (Russia) की सेंसरशिप एजेंसी रोसकोम्नाडजोर (Roskomnadzor) ने फेसबुक पर रूसी मीडिया के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है. द कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार रूस सरकार की सेंसरशिप एजेंसी ने फेसबुक पर बैन का ऐलान किया है. 

फेसबुक ने रूस पर लगाया आरोप

फेसबुक ने रूस पर आरोप लगाया है कि वह लाखों लोगों को विश्वसनीय सूचना से वंचित कर रहा है. फेसबुक पर बैन लगाने के बाद रूस ने Twitter पर भी कार्रवाई की है. ट्विटर का रीच रूस में प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके लिए एक बिल पर हस्ताक्षर किया है. इस कानून के तहत देश के सशस्त्र बलों के बारे में ‘झूठी’ सूचना फैलाने पर किसी व्यक्ति को 15 साल तक की जेल की सजा हो सकती है.

कई मीडिया आउटलेट्स को किया ब्लॉक

शुक्रवार को सोशल मीडिया दिग्गजों के खिलाफ कदम के साथ बीबीसी, अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित वॉयस ऑफ अमेरिका और रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी, जर्मन प्रसारक डॉयचे वेले और लातविया स्थित वेबसाइट मेडुजा को भी ब्लॉक कर दिया गया था.रूसी भाषा में समाचार प्रकाशित करने वाले विदेशी आउटलेट्स के खिलाफ सरकार की व्यापक कार्रवाई ने पुतिन के तेवर साफ कर दिए हैं. रूस लगातार इस बात का आरोप लगाता रहा है कि यूक्रेन पर आक्रमण के बारे में घरेलू दर्शकों को गलत सूचना दी जा रही है.

रूस  की संसद ने बनाए कड़े कानून

गौरलतब है कि रूस की संसद ने शुक्रवार को फेक न्यूज को लेकर कड़े कानून का ऐलान किया था. संसद का आरोप है कि युद्ध के दौरान रूसी सेना के खिलाफ फेक न्यूज चलाया जा रहा है. संसद में पास इस नए कानून में सेना के खिलाफ जानबूझकर फर्जी खबर फैलाने पर 15 साल तक जेल की सजा का प्रावधान किया गया है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top