पूरा मामला बेतिया के मैनाटांड़ प्रखंड के एक छोटे से गांव टोला चपरिया का है. अस्पताल से लेकर घर तक मिठाइयां बांटी गईं. इस पूरी तैयारी से जिले में यह एक चर्चा का विषय बन गया है.
बेतियाः बेटियों को दुल्हन बनाकर विदा करते तो आपने देखा होगा, लेकिन अस्पताल में बेटी के जन्म पर एक पिता फूला नहीं समाया. उसकी खुशी ऐसी कि अस्पताल से बेटी को विदा कराने के लिए उसने अलग तरीके से तैयारी की. अस्पताल में बेटी के जन्म पर हर ओर से बधाई की गूंज आने लगी. पिता के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्य भी घर में लक्ष्मी के आने पर खुश थे. ऐसे में पिता ने कार सजवाई और फिर बेटी को अस्पताल से ले गया. पूरा मामला बेतिया के मैनाटांड़ का है. अब इसकी हर तरफ सराहना हो रही है.
मैनाटांड़ प्रखंड क्षेत्र का एक छोटा सा गांव है टोला चपरिया. इस गांव के रहने वाले शेषनाथ कुमार के घर में बीते गुरुवार को बेटी ने जन्म लिया था. एक बेटी के जन्म पर परिवार कितना खुश था यह दृश्य देखने लायक था. अस्पताल से लेकर घर तक मिठाइयां बांटी गईं. पिता की इस पूरी तैयारी से जिले में यह एक चर्चा का विषय बन गया है.
पिता शेषनाथ कुमार ने बताया कि यह मेरी बेटी नहीं, रानी लक्ष्मीबाई का रूप है. मुझे बेटों से ज्यादा बेटियां पसंद हैं. इसलिए मुझे बेटी होने पर इतना खुशी है कि मैं जाहिर नहीं कर पा रहा हूं. बता दें कि शेषनाथ की पहले से एक बेटी है जिसकी उम्र दो साल है. अब दोबारा एक और बेटी के जन्म के बाद खुशी दोगुनी दिख रही थी.
कार के साथ घर को भी सजाया
घर में पुत्री के जन्म पर परिवार वालों की इतनी खुशी है कि कार के साथ-साथ पूरे घर को गुब्बारे और फूल माला से सजा दिया. अस्पताल से घर पहुंची मां और बेटी को पिता ने फूलों की माला पहनाया. इसके बाद फीता काटकर घर में प्रवेश कराया. परिवार वालों ने भी मां और बेटी की आरती उतार कर स्वागत किया.