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महिलाओं को अधिक ‘आत्मनिर्भर’ और ‘समर्थ’ बनाएगी मोदी सरकार की ये स्कीम, भविष्य होगा उज्ज्वल

Women’s Day 2022 Scheme to Promote Female Entrepreneurs: इस मौके पर नारायण राणे के साथ एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा भी वहां मौजूद थे.

Women’s Day 2022 Scheme to Promote Female Entrepreneurs: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 (International Women’s Day 2022) के मौके पर केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने महिलाओं के लिए एक विशेष उद्यमिता प्रोत्साहन अभियान ‘समर्थ’ का शुभारंभ किया. इस मौके पर नारायण राणे के साथ एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा भी वहां मौजूद थे. 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने इस दौरान महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि एमएसएमई क्षेत्र महिलाओं के लिए ढेर सारे अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय अपनी योजनाओं और पहल के जरिये महिलाओं को अतिरिक्त लाभ प्रदान करके उद्यमिता संस्कृति विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. 

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा यह अभियान

राणे ने कहा कि यह अभियान महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाने में मदद करेगा. मंत्रालय के अनुसार, समर्थ अभियान के तहत मुफ्त कौशल विकास कार्यक्रमों में 20 प्रतिशत सीटें इच्छुक और मौजूदा महिला उद्यमियों के लिए आवंटित की जाएंगी. ‘समर्थ’ के बारे में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 20 दिसंबर, 2017 को इस योजना को मंजूरी दी थी. जिसका उद्देश्य वस्त्र संचालित क्षेत्रों में नौकरियों का अत्पादन करना है. 

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महिलाओं को इस तरह मिलेगा योजना से फायदा

इस मुफ्त कौशल विकास कार्यक्रमों में 20 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व रहेगी. जिसका फायदा 7500 से अधिक महिलाओं को होगा. इसके अलावा आर्थिक रूप से भी इस योजना के तहत महिलाओं को लाभ मिलेगा. इस योजना के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरह से आवेदन किया जा सकता है. योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आपको इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. 

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शहरी महिलाओं से अधिक ग्रामीण महिलाएं करना चाहती है खुद का कारोबार

पीटीआई के मुताबिक देश के गैर-महानगर शहरों की महिलाएं महानगरों की महिलाओं की तुलना में प्रौद्योगिकी उद्यमी बनने के लिए अधिक उत्सुक है. प्रौद्योगिकी विश्लेषण कंपनी ‘टेकआर्क’ और महिला मंच ‘शीटवर्क’ द्वारा जारी संयुक्त सर्वेक्षण के अनुसार तकनीकी संसाधनों तक पहुंच की कमी, बुनियादी ढांचे और परामर्श गैर-महानगर शहर की महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी उद्यमी बनने में सबसे बड़ी बाधाएं बनी हुई हैं. सर्वेक्षण के अनुसार गैर-महानगर क्षेत्रों में लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं प्रौद्योगिकी उद्यमिता को करियर विकल्प के रूप में लेने के लिए इच्छुक हैं. वही महानगरों में 23 प्रतिशत महिलाएं अपना खुद का उद्यम शुरू करना चाहती हैं.

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