फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है. होली से 8 दिन पहले से होलाष्टक लग जाता है. होलाष्टक के दौरान किसी भी मांगलिक कार्य पर रोक लग जाती है.
फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है. होली से 8 दिन पहले से होलाष्टक लग जाता है. होलाष्टक के दौरान किसी भी मांगलिक कार्य पर रोक लग जाती है. होली से 8 दिन पहले कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता. धार्मिक मान्यता है कि इन 8 दिनों में हिरण्याकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को जान से मारने के लिए कई यातनाएं दी थी. लेकिन प्रहलाद लगातार नारायण का नाम जपता रहा, जिस कारण हिरण्याकश्यप प्रहलाद का कुछ न बिगाड़ सका.
इसलिए होलाष्टक से होलिका दहन तक होलाष्टक लगता है. इसमें किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य की मनाही होती है. इस बार होलिका दहन 17 मार्च के दिन है. और 10 मार्च से होलाष्टक लग रहे हैं. इस दौरान जानें भूलकर क्या नहीं करना चाहिए.
होलाष्टक के दौरान न करें ये काम
– धार्मिक मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान मुंडन, विवाह, नामकरण, अन्नप्राशन सहित 16 संस्कारों में से कोई भी इन 8 दिनों के बीच नहीं करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि ये कार्य कर ने से इनके परिणाम शुभ नहीं होते.
– होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह का नया वाहन न खरीदें. अगर कुछ खरीदना ही है तो उसकी बुकिंग पहले ही कर लें. इसके बाद होली पर वाहन को घर ला सकते हैं. लेकिन होलाष्टक के दौरान भूलकर भूी वाहन न खरीदें.
– इस दौरान किसी नए व्यवसाय की शुरुआत भी न करें. ज्योतिषीय अनुसार होलाष्टक के दिनों में अधकितर ग्रह उग्र अवस्था में होते हैं, ऐसे में उनका सहयोग नहीं मिल पाता. इस कारण व्यवसाय में घाटा होता रहता है.
– होलाष्टक के दौरान किसी मकान या प्लॉट की रजिस्ट्री भी न कराएं.
– अगर आप मकान बनवा रहे हैं और होलाष्टक से पहले ही ये कार्य शुरू हो चुका है, तो होलाष्टक में इसी जारी रख सकते हैं. लेकिन इन दिनों में शुरू न करें.
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