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अब हमेशा के लिए दूर हो जाएगी गियरबॉक्स को लेकर कन्फ्यूजन, जानें कितने प्रकार के होते हैं Gearbox

Types of Gearbox आज हम आपको बताने जा रहे हैं गियरबॉक्स के बारे में और साथ ही ये भी बताएंगे कि कितने प्रकार के होतें हैं गियरबॉक्स। बता दें गियरबॉक्स का सीधा असर आपके गाड़ी के माइलेज पर पड़ता है।

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। कार खरीदते समय ग्राहक अक्सर गियरबॉक्स को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं, क्योंकि उन्हें नहीं पता होता है कि गियरबॉक्स कितने प्रकार के होते हैं कौन अच्छा है कौन खराब। गियरबॉक्स हमारे वाहनों की सबसे अहम हिस्सों में हैं पिछले दशक से लेकर अब तक इसमें कई बदलाव देखने को मिला है। अब कई कार कंपनियां अलग-अलग प्रकार के गियरबॉक्स ला चुके हैं और इसे अलग-अलग नाम दिया है, आज हम इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए गियरबॉक्स के प्रकार की जानकारी लेकर आए हैं।

1. मैन्युअल गियरबॉक्स

मैन्युअल गियरबॉक्स वो होता है जिसमें गाड़ी चालक खुद से गियर गियर स्टिक के सहारे गियर चेंज करते हैं। गियर चेंज करते समय ड्राइवर को क्लच दबाने की जरूरत पड़ती है। इस गियरबॉक्स को लगभग सभी गाड़ी चलाने वाले लोग अपने जिंदगी कभी न कभी जरूर उपयोग किए होंगे। देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली सस्ती कारों में अक्सर मैन्युअल गियरबॉक्स को देखा जाता है।

2. ऑटोमेटिक गियरबॉक्स

ऑटोमेटिक गियरबॉक्स गियर बॉक्स का चलन इस समय देश काफी ज्यादा है। इस गियरबॉक्स से लैस गाड़ी को चलाने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती है। ऑटोमैटिक गियरबॉक्स में गियर को चेंज करने के लिए क्लच की जगह हाईड्रालिक फ्ल्युइड कपलिंग व टार्क कन्वर्टर का इस्तेमाल किया जाता है। हाईड्रालिक फ्ल्युइड कपलिंग इंजन से सीधे कनेक्ट रहता है, जिसे टैप करने के बाद गियर बदल जाता है वाहन स्मूथ आगे बढ़ने लगता है।

3. कंटिन्यूस्ली वैरिबल ट्रांसमिशन (सीवीटी)

कंटिन्यूस्ली वैरिबल ट्रांसमिशन (सीवीटी) गियरबॉक्स को स्टील गियर की जगह पर बेल्ट या पुली का यूज किया जाता है, कंटिन्यूस्ली वैरिबल ट्रांसमिशन आसानी से गियर बदलने में मदद करता है, इसमें कई तरह के रेशियो दिए गए हैं, जिसके हिसाब से आप गियर चेंज कर सकते हैं। गियर का रेशियो इंजन स्पीड व आरपीएम पर डेपेंड होता है।

4. ऑटोमेटेड-मैन्युअल ट्रांसमिशन (एएमटी)

इस गियर बॉक्स को लग्जरी कारों में देखने को मिलता है। ऑटोमेटेड-मैन्युअल ट्रांसमिशन (एएमटी) गियरबॉक्स को कई बार सेमी-ऑटोमेटिक गियरबॉक्स भी कहा जाता है। इसमें रेग्युलर क्लच व गियर कंफिगरेशन का यूज होता है, लेकिन इसके साथ ही सेंसर, एक्ट्युटेटर, प्रोसेसर व न्यूमेटिक का उपयोग किया जाता है। इस तरह के गियरबॉक्स को लंबी दूरी पर अधिक माइलेज के लिए जाना जाता है।

5. डुअल क्लच ट्रांसमिशन (डीसीटी)

डुअल क्लच ट्रांसमिशन (डीसीटी) की गियरबॉक्स करें तो, इसे आप ऑटोमेटिक व मैन्युअल ट्रांशमिशन का कॉम्बिनेशन बोल सकते हैं। हालांकि, इसमें एक चीज जो मिसिंग है, वो है टार्क कन्वर्टर। इस गियरबॉक्स में टॉर्क कन्वर्टर की जगह आपको गियर बदलने के लिए क्लच के साथ दो अलग शाफ्ट मिलेगा।

6. इंटेलीजेंट मैन्युअल ट्रांसमिशन (आईएमटी)

इंटेलीजेंट मैन्युअल ट्रांसमिशन (आईएमटी) सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें मैनुअली क्लच को ऑपरेट करने की जरूरत नहीं पड़ती है, जो कि शहर में ट्रैफिक के दौरान ड्राइविंग में आपकी चिंता कम कर देता है।आईएमटी एक मैन्युअल गियरबॉक्स है जिसे इस तरह मॉडिफाई किया गया है कि ड्राईवर से क्लच इनपुट की जरूरत नहीं पड़ती है। यह गियरबॉक्स ट्रांसमिशन कंट्रोल यूनिट (टीसीयू) को जानकारी दे देता है कि ड्राईवर कब गियर बदलने वाला है।

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