राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य ने बताया कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए राज्य ओबीसी आयोग प्रदेश भर के ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की जानकारी जुटा रहा है. जल्द ही इसकी जानकारी सरकार को दी जाएगी.
भोपालः मध्य प्रदेश में एक बार फिर पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट होने लगी है. पिछली बार पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के चलते निरस्त हो गए थे. लेकिन बताया जा रहा है कि सरकार और निर्वाचन आयोग दोनों की तरफ से चुनाव को लेकर तैयारियां जारी हैं. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य और बीजेपी विधायक कृष्णा गौर ने पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है.
पंचायत चुनाव का रास्ता होगा साफ
दरअसल, सबको इस बात का इंतजार है कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव कब होंगे. इस मुद्दे पर जब बीजेपी विधायक कृष्णा गौर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव का रास्ता जल्द ही साफ होने वाला है. क्योंकि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए राज्य ओबीसी आयोग जल्द ही सरकार को ओबीसी मतदाताओं की जानकारी सौपेंगा. ओबीसी आयोग ने प्रदेश के 40 से अधिक जिलों में ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की गिनती का सर्वे पूरा कर लिया है जबकि बाकि के जिलों में भी यह काम तेजी से चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में पेश होगी रिपोर्ट
कृष्णा गौर ने कहा कि पंचायत चुनाव में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए राज्य ओबीसी आयोग प्रदेश भर के ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की जानकारी जुटा रहा है. ओबीसी आयोग 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए राज्य सरकार को पहले मतदाताओं की पूरी जानकारी देगा. उसके बाद इसी रिपोर्ट को सरकार सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी, जिसका माध्यम से कोर्ट को बताया जाएगा कि प्रदेश में ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण जरूरी है. इस रिपोर्ट के सर्वे का काम पूरा होने की वजह से पंचायत चुनाव का रास्ता साफ होगा.
इस आधार पर जुटाई जा रही जानकारी
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य कृष्णा गौर ने बताया कि ओबीसी आयोग ने 40 से 42 जिलों का दौरा कर लिया है और अधिकारियों को जानकारी भेजने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. डेटा आना भी शुरू हो चुका है. जल्द ही हम ये रिपोर्ट सरकार को सौंप देंगे. कृष्णा गौर ने कहा ओबीसी वर्ग के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति के आधार पर डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. अब तक के सर्व से यही पता चलता है कि ओबीसी वर्ग की बड़ी आबादी है और इन्हें 27 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.
ओबीसी आरक्षण की वजह से निरस्त हुए थे पंचायत चुनाव
बता दें कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण की वजह से निरस्त हो गए थे. ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर पेंच फंसा, जिसके बाद पंचायत चुनाव निरस्त हो गये थे. ऐसे में प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए ओबीसी आयोग ओबीसी वर्ग के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिती के अध्ययन में जुटा हुआ है. ताकि पंचायत चुनाव में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिलाया जा सके.
ढाई साल से रुके हुए हैं पंचायत चुनाव
दरअसल, मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव ढाई साल से भी ज्यादा वक्त से रुके हुए हैं. नवंबर दिसबर 2021 में मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव कराने का ऐलान भी कर दिया था. लेकिन ओबीसी आरक्षण को लेकर चुनाव फिर से निरस्त हो गए. ऐसे में एक बार फिर से राज्य में पंचायत चुनाव कराए जाने की मांग की जा रही है.