‘घूमर’ होली में लोग एक-दूसरे के कंधे पर सवार होकर बड़े धूमधाम से मनाते हैं. जिला मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर कहरा प्रखंड के बनगांव की आज भी चर्चा है.
सहरसाः होली को लेकर हर तरफ हर्षोल्लास का माहौल है. कई लोग मथुरा और वृंदावन में होली देखने पहुंचते हैं लेकिन बिहार में एक ऐसी जगह है जहां आज भी ‘घूमर’ होली खेली जाती है. सहरसा जिला मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर कहरा प्रखंड के बनगांव में मनाई जाने वाली इस होली का अलग ही अंदाज है. इस ‘घूमर’ होली में लोग एक-दूसरे के कंधे पर सवार होकर बड़े धूमधाम से मनाते हैं. हालांकि आज भी कई लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं.
वृंदावन की तरह ही यहां की घूमर होली सुंदर होती है. बनगांव की होली ‘घूमर’ होली के नाम से विख्यात है. संत लक्ष्मीनाथ गोसाई द्वारा शुरू की गई बनगांव की ‘घूमर’ होली ब्रज के लठमार होली की तरह ही विख्यात है. पूरे गांव के लोग पहले गांव में स्थित ललित बंगला के पास एकत्रित होते हैं. इसके बाद सभी भगवती प्रांगण में पहुंचकर होली का आनंद उठाते हैं.