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कैसे करें फाइनेंशियल प्लानिंग? इन बातों का जरूर रखें ख्याल

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किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग बहुत जरूरी है। लेकिन काफी लोग सही से फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। तो चलिए जानते हैं कि फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।

नई दिल्ली, राहुल जैन। हमें फाइनेंस के मामले में सोच-समझकर फैसले लेने चाहिएं। इससे जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलती है और आपकी फाइनेंशियल स्थिति को भी मजबूती मिलती है। यह कोई मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए थोड़ी कोशिश करनी होती है और अच्छे तरीके से प्लानिंग की जरूरत होती है। आइए, समझते हैं कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?

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जानकारी के साथ निवेश करें

अगर आप ऐसे जगह पर पैसे लगाते हैं, जिसके बारे में आपको जानकारी नहीं है तो आपकी फाइनेंशियल यात्रा संकट में पड़ सकती है। इसकी वजह ये है कि ये राह पूरी तरह से जोखिम से भरी है क्योंकि आपको मालूम ही नहीं है कि आप कहां अपने पैसे लगा रहे हैं।

ऐसे में, कहीं भी पैसे लगाने से पहले उस प्रोडक्ट, उसके काम करने के तरीके और उससे जुड़े जोखिम को समझना अहम होता है। अगर आप इन सब चीजों को अच्छे तरीके से डिकोड कर सकते हैं, तो ही आपको आगे बढ़ना चाहिए। दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे ने इस बारे में एक बार कहा था, “यह जोखिम भरा होता है, जब आपको यह नहीं मालूम होता है कि आप क्या करने जा रहे हैं।” ऐसे में यह आपके लिए जरूरी है कि जिस प्रोडक्ट की आपको जानकारी नहीं है, उसमें पैसे ना लगाएं.

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निवेश डाइफर्सिफाई करें

यह निवेश के बुनियादी सिद्धांतों में से एक है। जब आप अपने इंवेस्टमेंट को डाइफर्सिफाई करते हैं, तो आप किसी भी तरह के उतार-चढ़ाव से ठीक ढंग से निपटने की स्थिति में होते हैं। यह जोखिम को कम करता है और आपको अलग-अलग एसेट क्लास में इंवेस्टमेंट का फायदा मिलता है। यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि अलग-अलग तरह के इवेंट्स विभिन्न एसेट क्लास को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं।

डाइवर्सिफाई करने से आपको अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस करने और इसे जरूरी स्थिरता देने में मदद मिलती है। कुल-मिलाकर कहा जा सकता है कि जिस प्रकार सभी अंडों को एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिए, उसी प्रकार एक ही एसेट क्लास में पूरा निवेश नहीं करना चाहिए। इसे मार्केट-लिंक्ड और फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रुमेंट्स में डाइवर्सिफाई करना चाहिए।

महंगाई दर को मात देने वाले इंस्ट्रुमेंट्स में इंवेस्ट करें

महंगाई को नहीं टाला जा सकता है। यह समय के साथ रुपये की वैल्यू को खत्म कर देती है। ऐसे में, आपको ऐसे इंस्ट्रुमेंट्स और एसेट क्लास में इंवेस्ट करना चाहिए, जो आपको इसे मात देने में मददगार साबित होते हों। यहां पर इक्विटी आपके लिए दांव लगाने के सबसे अच्छे विकल्प के तौर पर मौजूद होती है। इसकी वजह ये है कि वह महंगाई दर को मात देने वाले रिटर्न देने में सक्षम होती हैं।

आप सीधे स्टॉक में इंवेस्ट कर सकते हैं या फिर म्यूचुअल फंड के जरिए स्टॉक में निवेश के रास्ते को चुन सकते हैं। अगर आप मार्केट को ट्रैक करते हैं और नंबरों को लेकर आपको पर्याप्त जानकारी है तो आप सीधे स्टॉक खरीद सकते हैं। अगर ऐसा नहीं है, तो म्यूचुअल फंड्स के जरिए ऐसा किया जा सकता है।

पर्याप्त इंश्योरेंस रखें

इंश्योरेंस को नजरंदाज नहीं करना चाहिए, खासकर लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस को। कोविड-19 महामारी ने हम सभी को इंश्योरेंस के महत्व के बारे में बताया है। सुनिश्चित कीजिए कि लाइफ इंश्योरेंस कवर आपके सालाना इनकम का 10-15 गुना हो। इस मामले में टर्म प्लान बेस्ट होता है। इसके साथ ही परिवार के सभी सदस्यों को कवर करने वाला हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहिए। हेल्थ इंश्योरेंस रहने पर किसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी के समय आपकी सेविंग्स पर कोई असर नहीं पड़ता है।

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