नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए टोकन व्यवस्था के दायरे में लैपटॉप, डेस्कटॉप, हाथ घड़ी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित उत्पादों को शामिल किया। टोकन व्यवस्था से पेमेंट सिस्टम और मजबूत होगा। इसके तहत सही कार्ड की जानकारी के बजाए अनूठा वैकल्पिक कोड ब्योरा सृजित होता है, जिसे टोकन कहा जाता है। यह कार्ड, टोकन रिक्वेस्ट करने वाले और चिन्हित उपकरणों के मेल वाला टोकन होता है।
RBI ने एक बयान में कहा, ‘व्यवस्था की समीक्षा और अलग-अलग पक्षों से मिले सुझाव को देखते हुए टोकन व्यवस्था के दायरे में कंज्यूमर डिवाइस लैपटॉप, डेस्कटॉप, हाथ घड़ी, बैंड और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) आधारित उत्पादों आदि को शामिल करने का फैसला किया गया है।’ इस पहल से यूजर्स के लिए कार्ड के जरिये लेन-देन अधिक सुरक्षित होगा।
गौरतलब है कि RBI ने 2019 में कार्ड लेन-देन की टोकन व्यवस्था पर दिशानिर्देश जारी किया था। इसके तहत अधिकृत कार्ड नेटवर्क को अनुरोध पर टोकन सेवाएं देने की अनुमति दी गयी। यह कुछ शर्तों पर निर्भर है। RBI ने पहले कार्डधारक के मोबाइल फोन और टैबलेट पर टोकन व्यवस्था की अनुमति दी थी। इसके तहत लेन-देन के लिए एक वैकल्पिक कोर्ड जेनरेट होता है।
नए सर्कुलर से पहले यह सुविधा केवल इच्छुक कार्डधारकों के मोबाइल फोन और टैबलेट के लिए उपलब्ध थी। आरबीआई ने यह भी पाया है कि हाल के महीनों के दौरान टोकनयुक्त कार्ड लेनदेन की मात्रा में तेजी आई है।