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केरल

केरल के फर्जी क्रिप्टो मारिस काइन केस में 31 मार्च तक ED की रिमांड में रहेगा आरोपी अब्दुल गफूर

ईडी जानना चाहती है कि इस मामले के मुख्य आरोपी कहा छुपे हुए हैं और इस घोटाले का पैसा कहां कहां लगाया गया. यह ऐसा मामला बताया गया है जिसमे क्रिप्टोकरेंसी लाने का झांसा देकर लोगों से धोखाधड़ी की गई. 

केरल के बहुचर्चित फर्जी क्रिप्टो मारिस काइन केस में प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्य पिन स्टाकिस्टों में से एक अब्दुल गफूर को गिरफ्तार कर 31 मार्च तक के लिए रिमांड पर लिया है. ईडी जानना चाहती है कि इस मामले के मुख्य आरोपी कहा छुपे हुए हैं और इस घोटाले का पैसा कहां-कहां लगाया गया. यह ऐसा मामला बताया गया है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी लाने का झांसा देकर लोगों से धोखाधड़ी की गई.

ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि ये मामला केरल के मल्लपुरम अपराध शाखा द्वारा दर्ज मुकदमे के आधार पर मनी लांड्रिग एक्ट के तहत दर्ज किया गया था. इस मामले मे निशाद नामक शख्स मुख्य आरोपी था. उसने मारिस काइन नाम की एक कथित क्रिप्टोकरेंसी को चलाने के सब्जबाग दिखाए थे. इस के साथ ही उसने अपनी 10 मारिस काइन की कीमत 15 हजार रूपये रखी और लॉकइन पीरियड 300 दिन रखा. इस के बदले उसने बड़े पैमाने पर लाभ देने का वादा किया. आरोप है कि निशाद और उसके सहयोगियों ने फर्जी सब्जबाग दिखा कर निवेशकों से लगभग 1200 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी की.

ईडी को जांच के दौरान पता चला कि मुख्य आरोपी निशाद ने उन लोगों को अपनी योजना में पिन स्टाकिस्ट के तौर नियुक्त किया था, जिन्होंने उसकी योजना में न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश किया था और निशाद ने उनसे वादा किया था कि वह निवेश पर 5 प्रतिशत कमीशन के रूप मे देगा.

आरोप है कि उसने अपने इन्वेस्टर्स को एक ई वालेट भी दिया और यह करेंसी जल्द ही महंगी होने का झांसा भी दिया. आरोप है कि इसके बाद निशाद और उसके सहयोगी यह रकम लेकर फरार हो गए और इस रकम से अनेक अचल संपत्तिया भी खरीदी गईं. इस मामले का एक मुख्य आरोपी फरार हो कर विदेश मे बताया गया है.

ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक इस मामले में अनेक जगहों पर छापेमारी भी की गई और उनकी कुछ संपत्तियों को अटैच भी किया गया.  ईडी के मुताबिक, अब्दुल गफूर इस मामले में सहयोग नहीं कर रहा था और सवालों के जवाब देने में टालमटोल कर रहा था. लिहाजा इस आधार पर अब्दुल गफूर को गिरफ्तार कर लिया. उसपर आरोप है कि उसने इस मामले में लोगों से वसूली गई रकम को इधर-उधर भेजने में अहम भूमिका निभाई थी. ईडी के मुताबिक गफूर को कोर्ट के सामने पेश किया गया जहां से पूछताछ के लिए उसे 31 मार्च तक रिमांड पर लिया गया है. 

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