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दिल्ली/एनसीआर

Delhi Alwar Rapid Rail Corridor: दिल्ली व अलवर के बीच प्रस्तावित आरआरटीएस परियोजना के लिए जनता को लगाना होगा जोर

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Delhi Alwar Rapid Rail Corridor परियोजना में हो रही देरी को देखते हुए दैनिक जागरण ने लोगों की आवाज को अभियान के रूप में लिया है। हम केंद्र सरकार से डीपीआर की मंजूरी मिलने तक ‘जनता मांगे आरआरटीएस’ लोगो के साथ प्रतिदिन एनसीआर के लोगों की आवाज को उठाएंगे।

रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। गति से प्रगति। विकास के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी का यह स्पष्ट विजन है, मगर गुरुग्राम-रेवाड़ी के रास्ते दिल्ली व अलवर के बीच प्रस्तावित आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कारिडोर के निर्माण की रफ्तार अब कछुआ गति की कहावत सिद्ध कर रही है। एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) की प्राथमिकता में शामिल इस कारिडोर को जल्दी पूरा करने के लिए प्रथम चरण में दिल्ली-रेवाड़ी-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़ स्टेशन) तक की योजना बनी, मगर हरियाणा एवं राजस्थान की ठोस पैरवी के अभाव में इस कारिडोर की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) लगभग दो वर्ष से केंद्र सरकार के पास अटकी है।

दैनिक जागरण की ओर से इस परियोजना को जल्दी से जल्दी पूरा करवाने के लिए प्रयास करेंगे, जिससे एनसीआर में प्रदूषण कम करने, सड़कों पर वाहनों का दबाव घटाने और संतुलित एवं सतत आर्थिक विकास की केंद्र की परिकल्पना साकार हो सके। इस परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी एनसीआरटीसी की है। इस निगम में केंद्र के अलावा राजस्थान, दिल्ली व हरियाणा शामिल है। सभी भागीदार राज्य लगभग तीन वर्ष पूर्व डीपीआर को स्वीकृति दे चुके हैं, मगर केंद्र के स्तर पर इसमें देरी हो रही है।

दिल्ली-अलवर कारिडोर, दिल्ली-मेरठ की तरह एनसीआरटीसी की प्रथम प्राथमिकता में है, मगर उप्र में जहां युद्धस्तर पर काम जारी है, वहीं हरियाणा व राजस्थान में निर्माण पूर्व की गतिविधियों में शामिल सायल टेस्टिंग जैसे काम होने के बाद भी कारिडोर का निर्माण शुरू नहीं हुआ है। दिल्ली, गुरुग्राम, रेवाड़ी व अलवर जिले के दैनिक यात्री, उद्यमी, रीयल इस्टेट कारोबारी व कर्मचारी परियोजना की सुस्त रफ्तार से परेशानी ङोलनी पड़ रही है। इन्हें मानेसर, बावल, नीमराना व भिवाड़ी जैसे उभरते औद्योगिक कस्बों के बीच सुगम व त्वरित परिवहन सेवा के अभाव में सफर के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है।

हरियाणा में बनेंगे दो कारिडोर

दिल्ली-अलवर के अलावा हरियाणा में दूसरा कारिडोर दिल्ली-पानीपत-करनाल है। दिल्ली-अलवर के प्रथम चरण में सराय काले खां, आइएनए, मुनीरका, एयरोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर-17, राजीव चौक, खेड़की दौला, मानेसर, पचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एमबीआइआर, रेवाड़ी, बावल व एसएनबी स्टेशन शामिल हैं। दिल्ली से एसएनबी तक इसका ट्रैक 70.5 किलोमीटर एलिवेटेड और 36.5 किमी भूमिगत रहेगा।

क्या है आरआरटीएस परियोजना

आरआरटीएस बेहतरीन परिवहन सेवा की परिकल्पना है। इसके तहत बनने वाला रेल कारिडोर पारंपरिक रेल पद्धति से अलग होगा। यह त्वरित रेल सेवा ऐसी अति विश्वसनीय उपनगरीय सेवा होगी, जो कम स्टेशनों पर रुकते हुए कम समय में अधिकाधिक यात्रियों को अपेक्षाकृत लंबी दूरी तय कराने में मददगार होगी। इस परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गुरुग्राम के सांसद व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व अलवर के सांसद बाबा बालकनाथ के बयान आते रहे हैं, मगर लगातार हो रही देरी से लोगों में निराशा है।

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