Refuge App: दुनियाभर में भारतीय छात्रों का बोल-बाला है. बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में भारतीय छात्रों की डिमांड होती है, क्योंकि अन्य देशों के छात्रों की तुलना में उनमें कौशल और क्षमता अधिक होती है. अब इस छात्र का ही उदाहरण ले लीजिए.
- 15 साल के बच्चे ने तैयार किया शानदार ऐप
- तेजस के पिता ने ट्विटर पर बेटे की खूब वाहवाही की
- ऐप का नाम है Refuge
Viral News: जब से रूस ने यूक्रेन (Ukraine Russia War) पर हमला किया है, दुनिया इस देश के साथ एकजुटता से खड़ी हुई है. कई व्यक्ति और संगठन यूक्रेन के लिए चंदा जुटाने के लिए एक साथ आएं. युद्ध के परिणामस्वरूप, लाखों लोग विस्थापित हुए और दूसरे देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं. युद्धग्रस्त राष्ट्र के पीड़ितों को सहायता प्रदान करते हुए एक 15 वर्षीय भारतीय लड़के ने अब पड़ोसी देशों में यूक्रेनी शरणार्थियों को जोड़ने में मदद करने के लिए एक ऐप बनाया है.
15 साल के बच्चे ने तैयार किया शानदार ऐप
तेजस रविशंकर (Tejas Ravishankar) के रूप में पहचाना जाने वाला युवा लड़का सिकोइया इंडिया के प्रबंध निदेशक जीवी रविशंकर का बेटा है. सॉफ्टवेयर डेवलपर तेजस ने महज दो हफ्ते में ऐप तैयार कर लिया. तेजस ने गुरुवार को गूगल प्लेस्टोर पर ऐप का लिंक ट्वीट किया और लिखा, ‘Refuge की शुरुआत- यूक्रेन में अपने घरों से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए. Refuge वह जगह है जहां सहायता की पेशकश करने वाले व्यक्ति उन लोगों से जुड़ते हैं जिन्हें सहायता की आवश्यकता होती है. कृपया इस शब्द को वायरल करने के लिए रीट्वीट करें.’
Refuge App की विशेषताएं:
– शरणार्थियों के लिए निकटतम सहायता स्थान खोजने के लिए ऐप में पूरी दुनिया का नक्शा है.
– नेशनल आईडी-बेस्ड वेरिफिकेशन सुविधाएं, भोजन, रहने के लिए सुरक्षित स्थान और दवाओं जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सूची तैयार की गई है.
– कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति केवल दो क्लिक में आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकता है और ऐप 12 से अधिक भाषाओं में अनुवाद भी करता है.
तेजस के पिता ने ट्विटर पर बेटे की खूब वाहवाही की
तेजस के पिता जीवी रविशंकर ने ट्विटर पर अपनी उपलब्धि साझा की और अपने बेटे की सफलता की प्रशंसा की. उन्होंने लिखा, ‘युवा पीढ़ी को और ताकत! वे बहस नहीं बल्कि कार्रवाई करने पर विश्वास रखते हैं. ऐसे ही बढ़ते रहो @XtremeDevX’
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी के अनुसार, 10 मिलियन से अधिक यूक्रेनियन युद्ध के बाद से विस्थापित हुए हैं, जिनमें से 3.5 मिलियन पहले ही देश से भाग चुके हैं और 6.5 मिलियन अपने घरों से भाग गए, शेष यूक्रेन में मौजूद हैं