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डायबिटीज के मरीज संभलकर खाएं ये दवा, भारत में भी आया जननांगों में इंफेक्शन का मामला

डायबिटीज के मरीज अपनी अच्छी सेहत के लिए कई दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे साइड इफेक्ट का खतरा बना रहता है. ऐसे ही कुछ मामलों ने हेल्थ एक्सपर्ट्स को हैरान कर दिया है.

  • डायबिटीज के मरीजों के लिए अहम खबर
  • एसजीएलटी 2 दवा के खतरे सामने आए
  • मरीजों के जननांगों में हो रहा इंफेक्शन

नई दिल्ली: डायबिटीज (Diabetes) की एक दवा के कारण जननांगों में इंफेक्शन का खतरा बताया जा रहा है. ऐसे मामले अमेरिका और कनाडा में पहले ही सामने आ चुके हैं. अब भारत में टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में इस तरह के गंभीर इंफेक्शन का मामला देखने को मिला है. ये संक्रमण शरीर के प्राइवेट पार्ट और उसके आसपास के हिस्सों में हो रहा है जिसे ‘फोरनियर्स गैंगरीन’ (Fournier’s Gangrene) या ‘नैक्रोटाइजिंग फैसियाइटिस ऑफ द पेरिनियम’ (Necrotizing fasciitis of the perineum) कहा जाता है.

दवा पर छापनी होगी चेतावनी

एहतियाती तौर पर भारत के सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (Central Drugs Standard Control Organisation) ने राज्यों के सभी ड्रग कंट्रोलर्स को इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार मानी जा रही सोडियम ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर-2 (Sodium Glucose Cotransporter 2) दवा के पैकेट पर इससे जुड़ी चेतावनी छापने का आदेश दिया है. एसजीएलटी2 (SGLT2) के फॉर्मूले पर आधारित दवाएं कैनग्लिफ्लोजिन (Canagliflozin), डापाग्लिफ्लोजिन (Dapagliflozin) और एम्पाग्लाईफ्लोजिन (Empagliflozin) हैं.

SGLT2 दवा का क्या है रोल?

जर्मनी (Germany) में रहने वाले डॉक्टर सतीश रंजन ने बताया कि अमेरिकी ड्रग एजेंसी एफडीए (FDA) ने साल 2013 में एसजीएलटी2 (SGLT2)  दवा के इस्तेमाल की इजाजत दी थी. फिलहाल इसे मेटफॉर्मीन (Metformin) के बाद मधुमेह की दूसरी दवा के तौर पर प्रयोग किया जाता है. इस दवा को उन लोगों को दिया जाता है जिन्हें दिल की बीमारी और किडनी डिजीज होती है. इस दवा से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है.

प्रोटीन का लेवल बढ़ाती है दवा

डॉक्टर सतीश रंजन ने कहा, ‘ये दवा सोडियम-ग्लूकोज को ट्रांसपोर्ट प्रोटीन का लेवल बढ़ा देती है, जिससे किडनी में ब्लड फिल्ट्रेशन के दौरान ग्लूकोज फिर से अवशोषित नहीं होता और ज्यादा से ज्यादा ग्लूकोज यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर आ जाता है. इससे मधुमेह के मरीजों के शरीर में ग्लूकोज का लेवल कम हो जाता है.’\

सामने आने लगे हैं दवा के साइड इफेक्ट्स

सतीश रंजन ने आगे कहा, ‘धीरे-धीरे इसके कुछ बुरे असर भी सामने आ रहे हैं, पता चला है कि इससे मूत्रनलिका का इंफेक्शन हो रहा है. हड्डियों के कमजोर होने के खतरे भी हैं, इससे कैंसर भी हो सकता है, लेकिन किन मरीजों को ये प्रॉब्लम हो रही है, इसकी जानकारी अभी भी तलाश की जा रही है.’

दवा को लेकर दी गई चेतावनी

इस मामले में भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से संसद में दिए जवाब में कहा गया कि सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) को हेल्थ कनाडा कम्युनिकेशन के एसजीएलटी 2 के सेफ्टी रिव्यू में सामने आए आंतों में जलन के साइड इफेक्ट के बारे में बता दिया गया है. वहीं, अमेरिका (USA) के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने भी ड्रग सेफ्टी कम्युनिकेशंस (DSC) में इस दवा से इंफेक्शन के खिलाफ चेतावनी दी है.

भारत में डायबिटीज के कितने मरीज?

भारत के हेल्थ मिनिस्टर डॉ. मनसुख मंडाविया ने संसद में कहा था कि भारत में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की निश्चित संख्या का पता नहीं है लेकिन इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के डायबिटीज एटलस 2021 के 10वें संस्करण के मुताबिक 20 से 79 साल के डायबिटीज मरीजों की संख्या करीब 7.5 करोड़ थी, जिसके साल 2045 तक बढ़कर 12.5 करोड़ हो जाने की आशंका है.

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