गूगल ने Google Play Store से 6 मैलवेयर ऐप्स को स्थायी रूप से हटा दिया है। यह ऐप्स एंटी-मैलवेयर ऐप की तरह काम करने का दावा कर रहें थे लेकिन असल में ये यूजर्स के डिवाइस का पासवर्ड बैंक डिटेल और अन्य व्यक्तिगत जानकारी चोरी कर रहे थे।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। आज कल बहुत से ऐसे ऐप्स है, जिसको फोन में इंस्टॉल करने पर फोन में मैलवेयर आ सकता है। हाल ही में एक अजीब घटना हुई है। एक नई रिपोर्ट में पता चला है कि लगभग 15,000 एंड्रॉइड यूजर्स ने Google Play Store से एंटी-मैलवेयर ऐप डाउनलोड किए, जो उन्हें हैकर्स से बचाने के बजाय, उनके डिवाइस को पासवर्ड, बैंक डिटेल और अन्य व्यक्तिगत जानकारी चोरी करने के इस्तेमाल कर रहे हैं। जिन्हें अब गूगल ऐप स्टोर से हटा दिया गया है।
एंटी-वायरस ऐप्स के वेश में छह मैलवेयर ऐप्स को अब Google ने Play Store से हटा दिया है। हालांकि इन ऐप्स ये यूजर्स को काफी नुकसान पहुंचा है। चेक प्वाइंट के साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स के अनुसार, इन ऐप्स ने 15,000 से अधिक यूजर्स को शार्कबॉट एंड्रॉयड मैलवेयर से प्रभावित किया, जो क्रेडेंशियल और बैंकिंग जानकारी को चुराता है। यह मैलवेयर एक जियो फेंसिंग फीचर और चोरी की तकनीक का इस्तेमाल करता है, जो इसे बाकी मैलवेयर से अलग बनाता है। यह डोमेन जनरेशन एल्गोरिथम (DGA) का भी उपयोग करता है, जो कि एंड्रॉयड मैलवेयर की दुनिया में शायद ही कभी इस्तेमाल किया गया है।
इसके एनालिसिस के दौरान प्रभावित डिवाइसेज के लगभग 1,000 यूनिक IP Address की पहचान की गई। ज्यादातर प्रभावित लोग इटली और यूके से थे। शार्कबॉट यूजर्स को अपनी क्रेडेंशियल को एक विंडो में डालते के लिए कहता है, जो सॉफ्ट क्रेडेंशियल इनपुट फॉर्म की नकल कर लेती है। जब यूजर्स इन विंडो में क्रेडेंशियल दर्ज करते हैं, तो इस डाटा को एक सर्वर को भेजा जाता है। शार्कबॉट केवल उन लोगों का चयन करता है, जो पहचान करने और उन्हें अनदेखा करने के लिए जियो-फेंसिंग सुविधा का उपयोग करते है। बता दें कि इन 6 ऐप्स की जांच करने के बाद, Google ने प्ले स्टोर से इन एप्लिकेशन को स्थायी रूप से हटा दिया है।