Income Tax Rules HRA: साधारण तौर पर जो लोग नौकरीपेशा हैं उन्हें सैलरी के एक हिस्से के रूप में HRA मिलता है, और जो करदाता किराये पर रहते हैं वो दिए गए किराये की कटौती आयकर की धाराओं में ले सकते है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो लोग सैलरी पर आश्रित नहीं हैं यानी जिनका अपना कारोबार है, या फिर जो सैलरी तो लेते है लेकिन HRA नहीं मिलता पर वे किराये पर रहते हैं, ऐसे लोग भी किराये के रूप में किये गए भुगतान की कटौती आयकर में ले सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे?
जानिए क्या कहती है आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80GG?
मनीष मल्होत्रा(Manish Malhotra, CA) ने बताया कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80जी के अनुसार, करदाता की तरफ से अपने स्वयं के निवास के लिए किए गए किराए के भुगतान के संबंध में आय से कटौती कर सकते हैं, चाहे घर फर्निश्ड हो या नहीं. यानी आयकर अधिनियम के तहत आप किराये के भुगतान के लिए टैक्स में राहत ले सकते हैं.
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आइए अब जानते हैं कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80GG के तहत एक करदाता कितनी कटौती का लाभ उठा सकता है? 80GG के तहत कटौती की पात्र राशि- निम्न में से जो भी कम हो केवल उतनी ही कटौती आय में से कर सकते है :
– रु. 5,000 प्रति माह,
– कुल आय का 25%
भुगतान किए गए वास्तविक किराए से कुल आय का 10% कम करें (कुल आय का ‘दस प्रतिशत’ और ‘कुल आय का पच्चीस प्रतिशत’ का अर्थ है- किसी भी व्यय के लिए कटौती से पहले निर्धारिती की कुल आय)
इस धारा के तहत कटौती का दावा करने के लिए नियम और शर्तें
– इस धारा के तहत कटौती का दावा करने के लिए नियम और शर्तें भी हैं.
– करदाता स्व-व्यवसायी या वेतनभोगी है.
– करदाताओं उसे उस वर्ष के दौरान किसी भी समय HRA प्राप्त नहीं हुआ है जिसके लिए वह 80जीजी का दावा कर रहा है.
– उस स्थान पर जहां वह वर्तमान में निवास करता है वहां उसका कार्यालय है, या वहां रोजगार के कर्तव्यों का पालन करता है, या व्यवसाय या पेशा करता है और वह निवास उसका या उसके जीवन साथी या उसका नाबालिग बच्चा या HUF जिसका वह सदस्य है, का नहीं है.
– आपको किराए के भुगतान के विवरण के साथ फॉर्म 10BA दाखिल करना होगा.
– यदि वह किसी भी स्थान पर कोई आवासीय संपत्ति रखता है, जिसके लिए अन्य धारा के तहत उसकी आय कर योग्य है, तो धारा 80GG के तहत कोई कटौती की अनुमति नहीं है.