मुख्यमंत्री ने बैठक में धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना की समीक्षा के दौरान सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाईयों की बजाय ब्रांडेड दवाई लिखने पर कड़ी नाराजगी जताई.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तेवर अब तल्ख हो चले हैं. उन्होंने डॉक्टरों द्वारा जेनेरिक दवाओं की जगह ब्रांडेड कंपनियों की दवाएं लिखने पर सख्त नाराजगी जताई है. साथ ही ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात भी कही है. सीएम बघेल ने अपने निवास कार्यालय में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा पर्यावरण एवं आवास विभाग की समीक्षा बैठक ली. मुख्यमंत्री ने बैठक में धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना की समीक्षा के दौरान सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाईयों की बजाय ब्रांडेड दवाई लिखने पर कड़ी नाराजगी जताई.
उन्होंने कहा कि जो सरकारी डॉक्टर ब्रांडेड दवाईयां लिखते हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने तत्काल सभी कलेक्टरों और सीएमएचओ को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि यह सुनिश्चित करें की डॉक्टर सिर्फ जेनेरिक दवाईयां ही लिखें. मुख्यमंत्री को यह जानकारी मिली थी कि बार-बार हिदायत के बावजूद डॉक्टर जेनेरिक की बजाय ब्रांडेड दवाईयां लिख रहे हैं
उल्लेखनीय है कि लोगों को सस्ती दवाईयां मिलें, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर शुरू किए हैं. प्रदेश में इस योजना के तहत 159 मेडिकल स्टोर संचालित हैं. इन मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से अब तक विक्रय की गई दवाईयों से लगभग 17 लाख 92 हजार नागरिकों के 17 करोड़ 38 लाख रूपए की बचत हुई है
बैठक में बताया गया कि प्रदेश की 9 नगर निगमों में 500 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉटस पर निर्माण हेतु ऑनलाइन भवन अनुज्ञा प्रणाली लागू की गई है, जिसके माध्यम से अब तक 3771 भवन अनुज्ञा जारी की गई है. बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत नगरीय निकायों द्वारा नागरिकों को दी जाने वाली अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाईन करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों की सम्पत्तियों को फ्री-होल्ड करने के भी निर्देश दिए. अब तक नगरीय निकायों की सम्पत्ति लीज पर दी जाती है. इस निर्णय से लाखों नागरिक लाभान्वित होंगे. (IANS Hindi)