राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कैबिनेट के फैसले के आधार पर 400 यूनिट से अधिक खपत करने पर सब्सिडी नहीं देने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। कैबिनेट का फैसला संकल्प जारी होने के साथ ही लागू हो जाता है। इसलिये इसे एक अप्रैल से लागू करने की बाध्यता नहीं है। उल्लेखनीय है कि उपभोक्ताओं की ओर से अप्रैल में प्राप्त हुए मार्च के बिल में चार सौ यूनिट से अधिक खपत पर सब्सिडी शून्य किये जाने की शिकायत की गई। यह सरकार तक पहुंची।
ऊर्जा विभाग की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि 400 से अधिक बिजली खपत करने पर सब्सिडी नहीं मिलेगी और निर्धारित दर पर पूरी खपत का बिल चुकाना होगा। यदि किसी उपभोक्ता का बिजली बिल 450 यूनिट आया है तो उसे इस पूरी खपत का भुगतान बिना सब्सिडी के करना होगा। ऐसे उपभोक्ता को एक भी यूनिट के लिये सब्सिडी नहीं मिलेगी। लेकिन अगले महीने जब बिजली की खपत 400 यूनिट से कम होगी तो सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
हर दिन पांच करोड़ की अतिरिक्त बिजली
जेबीवीएनएल प्रतिदिन करीब 550 करोड़ की बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं को देता है। लेकिन इसकी तुलना में काफी कम राजस्व वसूली हो पाती है। ऐसे भी उपभोक्ता हैं जो कई महीने का बिल एक साथ देते हैं। इससे जेबीवीएनएलन की वित्तीय हालत बिगड़ती जा रही है। भीषण गर्मी के मौजूद समय में जेबीवीएनएल 550 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रतिदिन पांच से आठ करोड़ की बिजली खरीद कर आपूर्ति सामान्य करने का प्रयास कर रहा है। यदि खरीदी गई बिजली का समय पर भुगतान नहीं किया गया तो जेबीवीएनएल को जुर्माना भी देना पड़ेगा।
जेबीवीएनएलन
जेबीवीएनएल ने 400 यूनिट से अधिक खपत पर सब्सिडी बंद किये जाने की व्यवस्था लागू करने के साथ ही झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) की ओर से नये कनेक्शन को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश सभी महाप्रबंधकों और अभियंताओं को दिया है। ताकि, दिल्ली की तरह लोग एक ही इमारत में सब्सिडी हासिल करने के लिये एक से अधिक कनेक्शन लेने की कोशिश न करें। जेबीवीएनएल मुख्यालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है।
इन्हें मिलेगा नया कनेक्शन
विशिष्ट सेट अप और स्टाफ वाले प्रतिष्ठान या परिसर
अलग-अलग व्यक्तियों के नाम लीज वाले परिसर या प्रतिष्ठान
कानूनन विभिन्न लाइसेंसधारी या पंजीकरण द्वारा कवर किए गए प्रतिष्ठान या परिसर
स्थानीय प्राधिकार द्वारा अलग प्रमाणित घर, दस्तावेज देने पर
किसी भी घरेलू उपभोक्ता को कनेक्शन देते समय स्थानीय अधिकारी परिसर की पहचान अलग के रूप में करेंगे।
यह भी जानें
सभी नए कनेक्शन ऑनलाइन पोर्टल (सुविधा) के माध्यम से दिए जाएंगे
आवेदक के स्वामित्व के प्रमाण का सत्यापन करेंगे
यदि आवेदक ने उसी संपत्ति में एक और कनेक्शन के लिए आवेदन किया है तो विभाजन के सुबूत के तौर पर दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक है
यदि आवेदक ने संपत्ति का एक हिस्सा किराए पर लिया है, तो किराए के समझौते की जांच की जाएगी
ऊर्जा विभाग सह अध्यक्ष झारखंड ऊर्जा विकास निगम के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने कहा, ‘राज्य के उपभोक्ता संवेदनशील हैं। उपभोक्ता अपना बिजली बिल का समय पर भुगतान करें। इससे राज्य में गुणवत्तापूर्ण निर्बाध आपूर्ति का प्रयास आसान हो सकेगा।’