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जम्मू और कश्मीर

कोरोना काल में भी जम्मू-कश्मीर में जीएसटी संग्रह 26 प्रतिशत बढ़ा, सकल घरेलू राज्य उत्पाद वृद्धि में देश के शीर्ष चार प्रदेशों में शामिल

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साल 2021-22 में 30 प्रतिशत खर्च कम हुआ लेकिन काम पहले की अपेक्षा पांच गुना अधिक हुआ।पिछले 75 वर्षों की तुलना में पांच गुना निवेश की उम्मीदप्रदेश प्रशासन ने पिछले वर्ष उद्योगों और सेवा क्षेत्र में 33000 करोड़ रुपये के निवेश का दावा किया है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : सकल घरेलू राज्य उत्पाद वृद्धि में देश के शीर्ष चार राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर शामिल है। यही नहीं, कोराना महामारी में मंदी के बावजूद जम्मू-कश्मीर ने जीएसटी संग्रह में 25.7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने वर्ष 2021-22 में 25.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 15217.17 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हासिल किया है। 2020-21 में यह बढ़ोतरी 17.02 प्रतिशत के साथ 12105.95 करोड़ रुपये रही थी। इसी तरह 2019-20 में 8.18 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 10345 करोड़ रुपये प्राप्त किए। अन्य राज्यों की अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी का प्रभाव देखा गया। कई राज्यों के जीएसटी संग्रह में कमी आई, लेकिन जम्मू कश्मीर में पिछले वर्ष की तुलना में जीएसटी संग्रह में 26 प्रतिशत के करीब वृद्धि रही।

वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संग्रह में वृद्धि केंद्र शासित प्रदेश में राजकोषीय अनुशासन लाने के लिए शुरू किए गए वित्तीय सुधारों के कारण हुई है। यह इन सुधारों का परिणाम था कि प्रदेश को 2022-23 वित्तीय वर्ष के लिए 1.12 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.08 लाख करोड़ रुपये थे।कम खर्च में अधिक कामआधिकारिक आंकड़ों में कहा गया है कि 2018-19 में 9229 विकास कार्यों के निष्पादन पर 67,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए जबकि 2020-21 में 21,943 परियोजनाओं को केवल 63,000 करोड़ रुपये में पूरा किया गया। यानी दोगुने से अधिक काम होने के बावजूद लागत 4000 करोड़ रुपये कम रही।

लेकिन काम पहले की अपेक्षा पांच गुना अधिक हुआ।पिछले 75 वर्षों की तुलना में पांच गुना निवेश की उम्मीदप्रदेश प्रशासन ने पिछले वर्ष उद्योगों और सेवा क्षेत्र में 33,000 करोड़ रुपये के निवेश का दावा किया है जो 1947 के बाद से किए गए 15,000 करोड़ रुपये के निवेश से दोगुना है। प्रशासन को इस साल के अंत तक 75,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। अधिकारियों के अनुसार पिछले 75 वर्षों में इस क्षेत्र में हुए निवेश का यह पांच गुना है। जम्मू कश्मीर में बड़े बदलाव के चलते वित्तीय पारदर्शिता देखी गई है। जब पूरा देश महामारी की चपेट में था और कई राज्यों के जीएसटी में गिरावट दर्ज की गई, तब भी जम्मू कश्मीर में यह 26 प्रतिशत बढ़ गया। देश भर के कई बेहतर राज्यों से जम्मू कश्मीर ने असाधारण वित्तीय पारदर्शिता दिखाई। -मनोज सिन्हा, उपराज्यपाल, जम्मू कश्मीर

उचित कर योजनाएं, प्रभावी निगरानी, पारदर्शिता और जवाबदेही के उद्देश्य से कर कानूनों के कुशल कार्यान्वयन ने जम्मू कश्मीर में राजस्व संग्रह को बढ़ाने में योगदान दिया। कोरोना महामारी के बावजूद अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने में वित्त विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले वित्तीय वर्ष में ट्रेजरी प्रबंधन भी उल्लेखनीय था। ठेकेदारों के सभी बिलों का भुगतान किया गया है और समय पर भुगतान किया गया है। -अटल ढुल्लु, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव 

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