Khairagarh Mahotsav: सीएम भूपेश बघेल ने खैरागढ़ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के संस्थापक खैरागढ़ राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह और रानी पद्मावती के अलावा राजकुमारी इंदिरा को स्मरण कर उन्हें नमन किया.
Khairagarh Mahotsav: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का नवनिर्वाचित जिला खैरागढ़ (Khairagarh) में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने तीन दिवसीय खैरागढ़ महोत्सव (Khairagarh Festival) का शुभारंभ किया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की कलाधानी के रूप में खैरागढ़ को जाना जाएगा. इस दौरान सीएम ने 6 करोड़ 53 लाख के विकास कार्यों का भूमि पूजन और शिलान्यास किया. साथ ही 15 करोड़ की लागत से बने 9 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का लोकार्पण किया. इसके अलावा राजनांदगांव जिले के चिटफंड में डूबे 17127 लोगों को एक करोड़ 97 लाख की राशि भी वापस की.
सीएम भूपेश बघेल ने खैरागढ़ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के संस्थापक खैरागढ़ राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह और रानी पद्मावती के अलावा राजकुमारी इंदिरा को स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया. उन्होंने कहा कि संगीत के प्रति समर्पित भावना के साथ साल 1956 में स्थापित इस विश्वविद्यालय ने दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनाई है. उन्होंने खैरागढ़ के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यहां पर ओएसडी की भी नियुक्ति कर दी गई है. साल्हेवारा को पूर्व तहसील और जालबांधा उप तहसील बनाया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के गौरवशाली इतिहास संस्कृति, कला और संगीत को बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले को समृद्ध जिला और छत्तीसगढ़ राज्य की कलधानी के रूप में विकसित करना है.
छत्तीसगढ़ राज्य की रही हैं ऐतिहासिक और पौराणिक विशेषताएं: सीएम सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य प्राचीन काल से समृद्ध राज्य के रूप में जाना जाता है. व्यापारिक रूप से भी समृद्ध रहा है. राज्य की प्राचीन संस्कृति सभ्यता और कला को विश्व मंच पर विस्थापित करने और संवारने की आवश्यकता है. उन्होंने छत्तीसगढ़ की प्राचीन विशेषताओं की जानकारी देते हुए कहा कि तरीघाट, रीवाघाट की खुदाई में अनेक प्राचीन अवशेष मिले हैं. जिससे पता चलता है कि राज्य इस समृद्धि संस्कृति विशेषताओं से भरी है. छत्तीसगढ़ न केवल खनिज संपदा क्षेत्र में आगे है, बल्कि राज्य की संस्कृति और धरोहर सभी यहां शामिल है. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की ऐतिहासिक और पौराणिक विशेषताएं भी रही हैं. यहां राम वन गमन पथ के माध्यम से इन विशेषताओं को सवारने का कार्य किया जा रहा है, जिससे राज्य की पहचान विश्व मानचित्र में स्थापित हो सकेगा.