ITR Form: आईटीआर-यू दाखिल करने वाले करदाताओं को आय को अपडेट करने के लिए कारण देना होगा. उन्हें इसकी वजह बतानी होगी कि पहले रिटर्न दाखिल क्यों नहीं किया गया, या आय की सही जानकारी क्यों नहीं दी गई.
ITR Form: आयकर विभाग ने अद्यतन (अपडेटेड) आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए एक नया फॉर्म नोटिफाई किया है. इसमें करदाताओं को इसे दाखिल करने की सही वजह के साथ यह भी बताना होगा कि टैक्स के लिए कितनी राशि को पेश किया जा रहा है. नया फॉर्म (आरटीआर-यू) करदाताओं को वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए अद्यतन आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए उपलब्ध होगा.
देनी होगी ये जानकारी
आईटीआर-यू दाखिल करने वाले करदाताओं को आय को अपडेट करने के लिए कारण देना होगा. उन्हें इसकी वजह बतानी होगी कि पहले रिटर्न दाखिल क्यों नहीं किया गया, या आय की सही जानकारी क्यों नहीं दी गई. यह फॉर्म संबद्ध आकलन वर्ष के अंत के दो साल के भीतर दाखिल किया जा सकता है.
पहले टैक्स का पेमेंट जरूरी है
आम बजट 2022-23 में करदाताओं को आईटीआर को दाखिल करने के दो साल के भीतर उसे ‘अपडेट’ करने की अनुमति दी गई है. हालांकि, इस अनुमति से पहले करों का भुगतान जरूरी होगा. इस कदम का मकसद आईटीआर में हुई गलती या कोई जानकारी छूटने पर उसमें सुधार का मौका देना है. एक करदाता को प्रत्येक आकलन वर्ष में केवल एक बार अद्यतन विवरण दाखिल करने की अनुमति होगी.
जानिए एक्सपर्ट का क्या है कहना
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के भागीदार शैलेश कुमार ने कहा कि करदाता को प्रासंगिक जानकारी को आसानी से भरने की सुविधा के लिए इस फॉर्म में चीजों को ‘सटीक’ रखा गया है. कुमार ने कहा, “इसके अलावा यह भी ध्यान रखा गया है कि जिस आय को कर के लिए पेश जा रहा है सिर्फ उसका ब्योरा ही देने की जरूरत हो. इसमें नियमित आईटीआर फॉर्म की तरह अलग-अलग मदों में आय का ब्योरा देने की जरूरत नहीं होगी. अद्यतन आयकर रिटर्न दाखिल करने की वजह भी फॉर्म में ही बतानी होगी.”
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टैक्स और परामर्श कंपनी एकेएम के वैश्विक भागीदार-कर संदीप सहगल ने बताया कि जो करदाता 2019-20 के लिए इस फॉर्म को दाखिल करना चाहते हैं उन्हें बकाया कर और ब्याज के साथ इस तरह के कर और ब्याज की अतिरिक्त 50 फीसदी राशि का भुगतान करना होगा. वहीं जो करदाता 2020-21 के लिए इस फॉर्म को दाखिल करना चाहते हैं उन्हें बकाया कर और ब्याज की 25 फीसदी अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा.