Delhi MLAs salary increased: दिल्ली के विधायकों की करीब 12 हजार रुपए सैलरी थी और सभी भत्ते मिलाकर 54 हजार सैलरी मिलती थी. लेकिन अब जब नए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसको दिल्ली विधानसभा (Delhi Legislative Assembly) से पारित कर दिया जाएगा तो करीब 30 हजार रुपए सैलरी हो जाएगी जोकि सभी भत्तों को मिला 90 हजार हो जाएगी. हालांकि दिल्ली के विधायकों की सैलरी सभी राज्यों के विधायकों के मुकाबले सबसे कम है.
नई दिल्ली. दिल्ली के विधायकों की सैलरी भी अब बढ़ जाएगी. केंद्र सरकार (Central Government) ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमें दिल्ली के विधायकों (MLAs salary increased) की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया था. अभी तक दिल्ली के विधायकों की करीब 12 हजार रुपए सैलरी थी और सभी भत्ते मिलाकर 54 हजार सैलरी मिलती थी. लेकिन अब जब नए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसको दिल्ली विधानसभा (Delhi Legislative Assembly) से पारित कर दिया जाएगा तो करीब 30 हजार रुपए सैलरी हो जाएगी जोकि सभी भत्तों को मिला 90 हजार हो जाएगी.
हालांकि दिल्ली के विधायकों की सैलरी सभी राज्यों के विधायकों के मुकाबले सबसे कम है. तेलंगाना के अंदर विधायकों की तनख्वाह 2.50 लाख, महाराष्ट्र के अंदर 2.32 लाख रुपए, उत्तर प्रदेश के अंदर 1.87 लाख रुपए, जम्मू कश्मीर के अंदर 1.60 लाख रुपए, उत्तराखंड के अंदर 1.60 लाख रुपए, आंध्र प्रदेश के अंदर 1.30 लाख रुपए, हिमाचल में 1.25 लाख रुपए, राजस्थान में 1.25 लाख रुपए, गोवा में विधायकों की सैलरी 1.17 लाख रुपए, हरियाणा में 1.15 लाख रुपए, पंजाब में 1.14 लाख रुपए है.
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज )Saurabh Bhardwaj) ने बताया कि दिल्ली के विधायकों की सैलरी 12 हजार होने के बावजूद भी कई वेबसाइटों पर 2.10 लाख रुपए दिखाई जा रही है जो की पूरी तरह से झूठ है. केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से सात साल बाद सुझाव आया है कि दिल्ली के विधायकों की सैलरी को 12 हजार से बढ़ाकर 30 हजार कर दें, जो की सभी भत्ते मिलाकर 90 हजार हो जाएगी. अभी विधायकों की तनख्वाह नहीं बढ़ी है. दिल्ली विधानसभा से पास होने और नोटिफाई होने के बाद बढ़ पाएगी.
भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कहा कि दिल्ली के अंदर जब 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तो सरकार और विधायकों का मानना था कि किसी भी विधायक के लिए यह जरूरी है कि उसको एक सम्मानजनक वेतन मिले, ताकि वह बिना किसी बाहरी लोभ के सैलरी के अंदर अपने परिवार का गुजारा कर सके. वहीं, समाज की सेवा के अंदर अपना शत प्रतिशत योगदान दे सके. जाहिर सी बात है कि आप किसी विधायक से यह अपेक्षा करेंगे कि वह विधायकी भी करे और कोई काम धंधा भी करे, जिससे उसका घर भी चलें तो वह अपना शत प्रतिशत नहीं दे पाएगा.
2015 से 12 हजार रुपए है दिल्ली के विधायकों की सैलरी
जब हम लोग विधायक बने तब विधायक की सैलरी 12 हजार रुपए थी. उसको बढ़ाने के लिए एक बिल पास किया, जो केंद्र सरकार को भेजा. 2015 से लेकर 2022 तक करीब 7 साल से वह बिल फंसा हुआ था. सात साल से दिल्ली विधानसभा के अंदर विधायकों की सैलरी जो थी वह करीब 12 हजार रुपए थी. इसके अलावा उनको विधानसभा क्षेत्र अलाउंस, कन्वेंस अलाउंस, टेलीफोन अलाउंस, सेक्रेटिएट अलाउंस और भत्ते मिलाकर 54 हजार सैलरी मिलती थी. लेकिन दिल्ली के विधायक की तनख्वाह इंटरनेट और वेबसाइट पर देखते हैं तो 2 लाख 10 हजार बताई जाती है. यह हम सब के लिए काफी दु:ख की बात रही.
केंद्र सरकार ने दिल्ली को दिए सैलरी को लेकर ये सभी सुझाव
उन्होंने कहा कि जब केंद्र को एक बिल भेजा गया तो केंद्र सरकार की तरफ से सुझाव आया कि इस सैलरी को 12 हजार से बढ़ाकर 30 हजार कर दें. हमारा सुझाव ज्यादा था लेकिन केंद्र ने कहा कि आप 30 हजार कर लें. केंद्र ने इसी तरीके से सारे भत्तों को लेकर अपनी तरफ से सुझाव दिए कि विधानसभा क्षेत्र अलाउंस को 18 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, कन्वेंस अलाउंस 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, टेलीफोन अलाउंस 8 हजार से 10 हजार, सेक्रिटिएट अलाउंस 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार कर लें.
अब जब विधायकों की सैलरी 12 हजार से बढ़कर 30 हजार करने का सुझाव दिया है. सभी भत्ते, ऑफिस और सेक्रेटिएट आदि का किराया मिलाकर पहले जो 54 हजार रुपए विधायकों को मिलते थे, वह बढ़कर 90 हजार करने की केंद्र सरकार ने अनुमति दी है. ऐसा नहीं है कि अभी विधायकों की तनख्वाह बढ़ गई है. अभी इसे दिल्ली विधानसभा में रखा जाएगा, पास किया जाएगा और फिर नोटिफाई किया जाएगा. इसके बाद दिल्ली विधानसभा के विधायकों की सैलरी 12 हजार से बढ़कर 30 हजार हो जाएगी और सभी भत्ते मिलाकर 90 हजार हो जाएगी.