Cyclone Asani Update: आईएमडी ने कहा कि चक्रवात की गति सुबह पांच बजे किलोमीटर प्रति घंटा थी जो बाद में 25 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई. यह दोपहर बाद करीब 4.30 बजे आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से करीब 210 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में और ओडिशा के गोपालपुर से 510 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था.
नई दिल्ली. भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि गंभीर चक्रवात ‘असानी’ ने अपना रास्ता काफी बदल दिया है और इसके काकीनाडा एवं विशाखापत्तनम के बीच आंध्र प्रदेश के तट को छूने की संभावना है. इसके साथ ही विभाग ने आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों के लिए ‘लाल’ चेतावनी जारी की, जिसका अर्थ है कि स्थानीय अधिकारियों को चक्रवात से जुड़ी आपदाओं को रोकने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है. आईएमडी ने कहा कि चक्रवात की गति सुबह पांच बजे किलोमीटर प्रति घंटा थी जो बाद में 25 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई. यह दोपहर बाद करीब 4.30 बजे आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से करीब 210 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में और ओडिशा के गोपालपुर से 510 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था.
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मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि मंगलवार शाम तक इसके फिर जोर पकड़ने और उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में तट के समानांतर चलने की उम्मीद है. मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि मंगलवार शाम तक इसके फिर जोर पकड़ने और उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में तट के समानांतर चलने की उम्मीद है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि प्रचंड चक्रवाती तूफान बुधवार को कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा और बृहस्पतिवार को गहरे दबाव में बदल जाएगा. भुवनेश्वर क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एच. आर. विश्वास ने कहा कि भीषण चक्रवाती तूफान कमजोर पड़ने लगा है. उन्होंने कहा कि तेज हवाओं की गति मंगलवार रात तक घटकर 80 से 90 किलोमीटर और बुधवार शाम तक 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी.
मछुआरों को गहरे समुद्र में न जाने की चेतावनी
मौसम विज्ञान विभाग ने मछुआरों को बृहस्पतिवार तक गहरे समुद्र में न जाने को लेकर आगाह किया है, क्योंकि ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है. ओडिशा के खुर्दा, गंजाम और पुरी में मंगलवार को सुबह भी बारिश हुई थी. विशेष राहत आयुक्त पी. के. जेना ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को आगाह कर दिया गया है कि भारी बारिश और उसके कारण जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है तथा चार तटीय जिलों के 15 ब्लॉक से लोगों को निकालने के लिए भी कहा गया है.
ओडिशा और बंगाल में हुई थी भारी बारिश
गंजाम जिला प्रशासन ने गोपालपुर सहित सभी समुद्र तटों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया है ताकि लोग, मछुआरे तथा सैलानी वहां न जा सकें. समुद्र में मंगलवार को काफी हलचल रहने की संभावना है और 12 मई को स्थिति बेहतर होने से पहले बेहद खराब भी हो सकती है. चक्रवात के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सोमवार को भारी से मध्यम बारिश हुई थी.
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रेलवे ने अपने अधिकारियों को अलर्ट पर रखा
इस बीच, पूर्वी तटीय रेलवे (ईसीओआर) ने चक्रवात के कारण भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर अपने अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है. इसने भुवनेश्वर में अपने मुख्यालय और विशाखापत्तनम, खुर्दा रोड तथा संबलपुर में डिविजनल मुख्यालयों में 24 घंटे आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ खोले हैं. रेलवे ने चक्रवात के मद्देनजर विभिन्न एहतियाती कदम उठाए हैं और राज्य सरकार तथा आईएमडी के साथ समन्वय बनाए हुए है. राज्य सरकार ने घोषणा की कि आईएमडी की चेतावनी की अनदेखी कर गहरे समुद्र में जाने वाले मछुआरों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले गंजाम जिले के छतरपुर के पास समुद्र में मछली पकड़ने वाली पांच नौकाओं के पलट जाने के बाद यह निर्णय लिया गया. इन हादसों में सभी 65 मछुआरे तैरकर किनारे आ गए. एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब पांच मछुआरों को ले जा रही एक नाव पलट गई और उसने चार अन्य नौकाओं को टक्कर मार दी जिनमें कुल 60 लोग सवार थे. इस हादसे में सभी नौकाएं डूब गईं.
(इनपुट भाषा से भी)