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मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय बायोफ्यूल पॉलिसी में संशोधन को दी मंजूरी, सीपीएसई को विनिवेश के लिए भी मिली ज्यादा शक्तियां

मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय बायोफ्यूल पॉलिसी ( National Policy on Biofuels) 2018 में संशोधन को मंजूरी दी है.

मोदी कैबिनेट की बैठक में आज दो अहम फ़ैसले लिए गए. मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय बायोफ्यूल पॉलिसी ( National Policy on Biofuels) 2018 में संशोधन को मंजूरी दी है. इसके तहत इथेनॉल का उत्पादन बढ़ेगा. उत्पादन बढ़ाने के लिए कई और फ़सलों का इस्तेमाल करने की इजाज़त दी गई है. पेट्रोल – डीज़ल में इथेनॉल की ब्लेंडिंग 20% करने का लक्ष्य अब 2030 की बजाय 2025-26 किया गया

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के निदेशक मंडलों को इकाइयों एवं उनकी अनुषंगिक इकाइयों को बंद करने, उनका विनिवेश करने संबंधी फैसले लेने का अधिकार दिया है.

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या होल्डिंग कंपनी के निदेशक मंडल को वर्तमान में कुछ शक्तियां प्राप्त हैं जिनके तहत वे वित्तीय संयुक्त उपक्रम या पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी इकाई स्थापित करने के लिए इक्विटी निवेश कर सकते हैं हालांकि इसमें भी शुद्ध संपत्ति संबंधी कुछ सीमाएं होती हैं.

लेकिन निदेशक मंडलों को अनुषंगियों या इकाइयों या संयुक्त उपक्रमों में हिस्सेदारी को खत्म करने या विनिवेश करने का अधिकार नहीं होता, हालांकि कुछ महारत्न कंपनियों के पास इस तरह की सीमित शक्ति होती है कि वे अनुषंगियों में कुछ हिस्सेदारी का विनिवेश कर सकती हैं.

संयुक्त उपक्रम में हिस्सेदारी बेचने, अनुषंगी या इकाइयों को बंद करने या उनकी कुछ हिस्सेदारी बेचने या रणनीति विनिवेश करने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होती है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, होल्डिंग कंपनी के निदेशक मंडल को अधिकार देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब वे अनुषंगी/इकाई/संयुक्त उद्यम में हिस्सेदारी को बंद करने (खत्म करने), विनिवेश की प्रक्रिया की सिफारिश कर सकते हैं, इसे शुरू कर सकते हैं.’’

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