केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि घर-घर टीकाकरण कार्यक्रम जून से जुलाई तक दो महीने चलेगा. इस दौरान छूट गए लोगों में पहली, दूसरी और एहतियाती (प्रिकॉशन) डोज लगाने पर जोर रहेगा. बुजुर्गों में वैक्सीनेशन पर खास ध्यान दिया जाएगा. कोरोना वैक्सीनेशन की घटती संख्या को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.
नई दिल्ली. तीसरी लहर के बाद कोरोना वायरस का भारत में गंभीर असर नहीं दिखा है. इसका श्रेय बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीनेशन को दिया जाता है. लेकिन पिछले कुछ समय से कोरोना के टीके लगाने की रफ्तार कम हुई है. इसे लेकर सरकार चिंतित है. इसी को देखते हुए अब सरकार ने ‘हर घर दस्तक 2.0’ कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है. ये कार्यक्रम जून से जुलाई तक दो महीने चलेगा. इस दौरान छूट गए लोगों में पहली, दूसरी और एहतियाती (प्रिकॉशन) डोज लगाने पर जोर रहेगा. बुजुर्गों में वैक्सीनेशन पर खास ध्यान दिया जाएगा.
डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसी में घर-घर जाकर कोरोना वैक्सीन लगाने के कार्यक्रम की जानकारी दी गई. ये कार्यक्रम जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर तक चलाया जाएगा. एचटी के मुताबिक, स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि सभी पात्र लाभार्थियों को पूर्ण टीकाकरण के दायरे में लाने के लिए मिशन मोड में जुट जाएं. वृद्धाश्रमों, स्कूलों, कॉलेजों, जेलों, ईंट भट्टों आदि के लिए खासतौर से अभियान चलाएं. 12-18 वर्ष की आयु के स्कूल से वंचित बच्चों की लिस्ट बनाकर टीकाकरण कराएं. सुनिश्चित किया जाए कि 60 साल और उससे ऊपर के ज्यादातर लोगों में बूस्टर डोज़ लगे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में कोरोना वैक्सीन को अनमोल राष्ट्रीय संसाधन बताते हुए इसकी बर्बादी से बचने की जरूरत पर भी जोर दिया. कहा गया कि किसी भी कीमत पर कोविड-19 टीकों की बर्बादी न हो. जिन वैक्सीन की एक्सपायरी डेट नजदीक हो, उन्हें पहले लगाया जाए. विदेश यात्रा से पहले बूस्टर डोज लगवाने के इच्छुक लोगों से यात्रा दस्तावेज न मांगे जाएं.
केंद्र सरकार का ये निर्देश ऐसे समय आया है जब देश में 11.84 करोड़ सीनियर सिटीजंस में कोरोना का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है. इनमें से 4.14 करोड़ में बूस्टर डोज़ लगनी बाकी है. महज 1.69 करोड़ बुजुर्गों ने ही प्रिकॉशन डोज़ लगवाई है.
डेक्कन हेराल्ड ने स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि देश में बुजुर्गों में प्रिकॉशन डोज लगवाने का राष्ट्रीय औसत करीब 41 प्रतिशत है. 26 राज्य ऐसे हैं, जहां बुजुर्गों का टीकाकरण राष्ट्रीय औसत से कम है. इनमें केरल (40%), यूपी (38%), बिहार (38%), तमिलनाडु (37%), तेलंगाना (36%), महाराष्ट्र (33%) शामिल हैं. नागालैंड 12 फीसदी टीकाकरण के साथ इस लिस्ट में सबसे नीचे है.
इसके अलावा, 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां 15 साल से ऊपर की आबादी में दूसरी डोज़ का टीकाकरण 86 फीसदी के राष्ट्रीय औसत से कम है. 23 राज्य पहली डोज लगाने में राष्ट्रीय औसत से पीछे हैं. 12 से 14 साल के बच्चों की बात करें तो 18 राज्य ऐसे हैं, जहां पहली डोज का आंकड़ा ही राष्ट्रीय औसत को नहीं छू सका है. इस वर्ग में दूसरी डोज़ के मामले में 17 राज्य राष्ट्रीय औसत से पीछे हैं. इन्हीं आंकड़ों को देखते हुए सरकार ने हर घर दस्तक 2.0 कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है.