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जम्मू और कश्मीर

Jammu Kashmir: घाटी में सरकारी नौकरी कर रहे हैं कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर विरोध-प्रदर्शन, राहुल भट्ट के परिवार के लिए की गई ये मांग

Kashmiri Pandits Protest: कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद सुरक्षा की मांग तेज हो गई है. जम्मू में आज यूनाइटेड कश्मीरी पंडित फोरम के बैनर के तले कश्मीरी पंडितों ने विरोध- प्रदर्शन किया.

Kashmiri Pandit Protest in Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट (Rahul Bhat) की आतंकवादियों द्वारा उनके ऑफिस में हत्या के बाद पंडितों की सुरक्षा को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है. जम्मू में बुधवार को सैकड़ों पंडितों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया. कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जाने के बाद अब कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा की मांग तेज हो गई है. जम्मू में आज यूनाइटेड कश्मीरी पंडित फोरम के बैनर के तले कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) ने घाटी में सरकारी नौकरी कर रहे कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा की मांग की.

कश्मीरी पंडितों का विरोध प्रदर्शन

कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडित अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन तो कर ही रहे हैं साथ ही जम्मू में भी यह मांग तेज हो गई है. जम्मू में विपिन कश्मीरी पंडित संगठनों ने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार और प्रशासन पर कश्मीर घाटी में काम कर रहे कश्मीरी पंडितों को नजरंदाज करने का आरोप लगाया.

प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों की क्या है मांग?

प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों की कई मांगें हैं. उनकी पहली मांग है कि कश्मीर पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद उनके परिवार को जो राशि दी गई है उसे बढ़ाया जाए. राहुल भट्ट की पत्नी को गजटेड लेवल की नौकरी देने की मांग की जा रही है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कश्मीर घाटी में नौकरी कर रहे हैं कश्मीरी पंडित विस्थापितों की सुरक्षा की मांग प्रदेश भर में जोर पकड़ने लगी है. कश्मीरी पंडित अपनी सुरक्षा को बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं. 

उपराज्यपाल ने की राहुल भट्ट के परिजनों से मुलाकात

गौरतलब है कि इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने राहुल भट्ट (Rahul Bhat) के परिवार से मुलाकात की थी. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने परिजनों को आश्वासन दिया कि सरकार शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है. आतंकवादियों और उनके समर्थकों को इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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