हर किसी के जीवन में कभी न कभी ऐसा समय आता है जब उसे पैसे की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे समय पर कई बार इंतजाम हो भी पाता है और कई बार नहीं भी. अब बदलते समय के साथ लोगों के पास इंमरजेंसी फंड हासिल करने के कई तरह के ऑप्शन हैं.
Personal vs Gold Loan: हर किसी के जीवन में कभी न कभी ऐसा समय आता है जब उसे पैसे की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे समय पर कई बार इंतजाम हो भी पाता है और कई बार नहीं भी. अब बदलते समय के साथ लोगों के पास इंमरजेंसी फंड हासिल करने के कई तरह के ऑप्शन हैं. इनमें से सबसे ज्यादा कॉमन है पर्सनल लोन और गोल्ड लोन.
यह भी पढ़ें– PM Kisan: कल है E-KYC कराने का आखिरी दिन, बिना इसके नहीं मिलेगी किसान सम्मान निधि
गोल्ड लोन में गिरवी रखनी होती है संपत्ति
इन दोनों ही तरीकों से पैसा कम समय में आपके हाथ आ जाता है. लेकिन कई बार लोग पर्सनल लोन और गोल्ड को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं. वो ये तय नहीं कर पाते कि किस ऑप्शन को सिलेक्ट करें. पर्सनल लोन में महंगी ब्याज दर है तो गोल्ड लोन में आपको अपनी संपत्ति (Gold) गिरवी रखना होता है. कई बार पर्सनल लोन आपके लिए जी का जंजाल बन जाता है. आइए इन 5 कारणों से जानते हैं कि कौन सा लोन लेना आपके लिए बेहतर है और क्यों?
ज्यादा डॉक्यूमेंट्स की जरूरत
पर्सनल लोन में आपको कोई भी चीज गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती. गोल्ड लोन में आपको सोने के आभूषण आदि गिरवी रखने होते हैं. इसलिए पर्सनल लोन में आपको काफी दस्तावेज जमा करने होते हैं. आय प्रमाण पत्र, आईडी प्रूफ आदि बहुत से कागज देने होते हैं. पर्सनल लोन में बैंकों का भी रिस्क ज्यादा रहता है.
प्रोसेसिंग फीस में फर्क
पर्सनल लोन की प्रोसेसिंग फीस ज्यादा होती है. फाइनेंशियल कंपनी या बैंक पर्सनल लोन के लिए 1 से 2 प्रतिशत तक की प्रोसेसिंग फी लेते हैं. इस पर 18 प्रतिशत टैक्स भी देना होता है. लेकिन यदि आप गोल्ड लोन लेते हैं तो क्योंकि आप इसमें अपना सोना गिरवी रखते हैं तो आपको किसी तरह की प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी होती.
आसानी से मिल जाता है गोल्ड लोन
गोल्ड लोन देने के लिए बैंक का किसी प्रकार का रिस्क नहीं होता. इसीलिए फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन गोल्ड लोन देना पसंद करते हैं. दरअसल, सिक्योर्ड होने के कारण बैंक फटाफट इस लोन को दे देते हैं. यदि ग्राहक लोन के पैसे नहीं लौटाता तो बैंक ग्राहक के गोल्ड को बेचकर अपने पैसे वसूल लेता है. यही कारण है कि यह जल्द अप्रूव हो जाता है.
यह भी पढ़ें– Small Saving Scheme: पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम में करना चाहते हैं निवेश, जानें कितना मिलेगा रिटर्न
रीपेमेंट भी है आसान
पर्सनल लोन का रीपेमेंट आपको तीन साल या पांच साल की मंथली इंस्टॉलमेंट में करना होता है. लेकिन गोल्ड लोन को रीपेमेंट करने के लिए बैंक आपको कई तरह के ऑप्शन देते हैं. ऐसे में आप इस लोन को धीरे-धीरे अपनी सुविधानुसार चुका सकते हैं.
ब्याज दर का फर्क
गोल्ड लोन की ब्याज दर बेहद कम होती है, जबकि पर्सनल लोन की ब्याज दर ज्यादा होती है. इसका (कारण यह है कि सोने पर मिलने वाला लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है. इस कारण ही यह कम ब्याज पर मिलता है. पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड होने के कारण महंगी ब्याज दर पर मिलता है.