किसी उड़ान के प्रथम अधिकारी के रूप में तैनात पायलट को पहले एक सिम्युलेटर में विमान उतारने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उसके बाद ही वह यात्रियों के साथ विमान को उतारने के योग्य माना जाता है।
भारत के विमानन नियामक ने सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के लिए एयर विस्तारा पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने विस्तारा एयरलाइन पर एक अनुचित रूप से प्रशिक्षित पायलट को मध्य प्रदेश के इंदौर हवाई अड्डे पर पर विमान उतारने की अनुमति देने के लिए जुर्माना लगाया है।
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अधिकारियों ने कहा कि पायलट, जो फ्लाइट का फर्स्ट ऑफिसर था उसने हाल ही में एक सिम्युलेटर में आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त किए बिना विमान को इंदौर हवाई अड्डे पर उतारा। उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर उल्लंघन था जिससे विमान में सवार यात्रियों की जान को खतरा हो सकता था।”
नागर विमानन महिनिदेशालय (डीजीसीए) ने इस मामले में विस्तारा एयरलाइन को दोषी मानते हुए उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है। हालांकि यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि इस विमान ने कहां से उड़ान भरी थी और यह घटना कब घटी थी।
किसी उड़ान के प्रथम अधिकारी के रूप में तैनात पायलट को पहले एक सिम्युलेटर में विमान उतारने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उसके बाद ही वह यात्रियों के साथ विमान को उतारने के योग्य माना जाता है। इसके अलावा विमान के कैप्टन को भी सिम्युलेटर में प्रशिक्षण लेना जरूरी होता है।
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अधिकारियों ने कहा कि कप्तान के अलावा विस्तारा की इंदौर उड़ान के प्रथम अधिकारी ने भी सिम्युलेटर में प्रशिक्षण नहीं लिया था। इसके बावजूद एयरलाइन ने प्रथम अधिकारी को हवाईअड्डे पर विमान उतारने की अनुमति दी थी।