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कूरियर रूट से ई-कॉमर्स आभूषण निर्यात के लिए SoP का ड्राफ्ट जारी, जानिए डिटेल

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सीबीआईसी ने कूरियर आयात एवं निर्यात (इलेक्ट्रॉनिक डेक्लेरेशन एंड प्रोसेसिंग) रेगुलेशंस, 2010 और संबंधित फॉर्म में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा लौटाए गए आभूषणों के दोबारा आयात के लिए शर्तों को निर्धारित करने वाली नोटिफिकेशन जारी करने का भी प्रस्ताव रखा गया है.

नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कूरियर रूट से ई-कॉमर्स आभूषण निर्यात की सुविधा देने के लिए एसओपी (SoP) का ड्राफ्ट तैयार किया है. इसके जरिए यह आभूषण निर्यात की मंशा रखने वाले मैन्युफैक्चरर और ट्रेडर्स को एक सरलीकृत रेगुलेटरी फ्रेमवर्क देना चाहता है.

स्टेकहोल्डर्स से 14 जून तक सुझाव और प्रतिक्रिया आमंत्रित

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) कूरियर के जरिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कीमती धातुओं और नकली आभूषणों के निर्यात की सुविधा देने के लिए प्रस्तावित एसओपी का एक मसौदा तैयार किया है. इस पर सभी स्टेकहोल्डर्स से 14 जून तक सुझाव और प्रतिक्रिया आमंत्रित की गई है.

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सीबीआईसी ने कूरियर आयात एवं निर्यात (इलेक्ट्रॉनिक डेक्लेरेशन एंड प्रोसेसिंग) रेगुलेशंस, 2010 और संबंधित फॉर्म में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा लौटाए गए आभूषणों के दोबारा आयात के लिए शर्तों को निर्धारित करने वाली नोटिफिकेशन जारी करने का भी प्रस्ताव रखा गया है और इस पर भी स्टेकहोल्डर्स से विचार आमंत्रित किए गए हैं.

बजट में हुई थी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लागू करने की घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में ई-कॉमर्स के जरिए आभूषणों के निर्यात की सुविधा देने के लिए एक सरल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लागू करने की घोषणा की थी. इसके बाद ईआईसीआई,  जीजेईपीसी, ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स, ट्रेड के मेंबर जैसे तमाम स्टेकहोल्डर्स के साथ इस मसले पर विस्तृत सलाह-मशविरा किया गया.

शुरुआती दौर में कहां लागू होगी एसओपी

सीबीआईसी ने एसओपी के मसौदे पर सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा, ‘‘यह एसओपी कीमती धातुओं से बने आभूषणों के ई-कॉमर्स निर्यात पर लागू है. कीमती या अर्ध-कीमती रत्नों से जड़े आभूषण हों या नकली आभूषण, शुरुआती दौर में इस एसओपी को आईसीटी मुंबई, आईसीटी दिल्ली और आईसीटी जयपुर के ईसीसीएस पर लागू किया जाएगा.’’

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लाखों लोगों की आजीविका को मिलेगा बढ़ावा

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि आभूषणों के निर्यात से देश में विदेशी मुद्रा आएगी और भारतीय डिजाइनरों, कारीगरों और कुशल कामगारों की शुद्ध खर्च-योग्य आय बढ़ेगी. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से आभूषण निर्यात को एकीकृत और आसान बनाने से इस क्षेत्र में लगे लाखों लोगों की आजीविका को बढ़ावा मिलेगा.’’

केपीएमजी इन इंडिया के पार्टर (इनडायरेक्ट टैक्स) अभिषेक जैन ने कहा कि भारत से बाहर निर्यात की इच्छा रखने वाले आभूषण मैन्युफैक्चरर और कारोबारियों को इस एसओपी और अधिसूचना का बारीकी से अध्ययन कर समय पर अपने सुझाव देने चाहिए.

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