Covaxin: आईसीएमआर और भारत बायोटेक के अध्ययन में यह पाया गया है कि कोवैक्सीन का बूस्टर डोज कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ टीके का प्रभाव बढ़ाती है और ओमिक्रॉन के BA.1.1 तथा BA.2 वेरिएंट्स के खिलाफ प्रतिरक्षा को मजबूत करती है. मौजूदा अध्ययन के सबूत दिखाते हैं कि कोवैक्सीन बूस्टर टीकाकरण से सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा बढ़ जती है और डेल्टा तथा ओमीक्रोन स्वरूप संबंधी बीमारी की गंभीरता कम हो जाती है.
नई दिल्ली: कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक (Covaxin Booster Dose) कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीके का प्रभाव बढ़ाती है और ओमिक्रॉन के BA.1.1 तथा BA.2 वेरिएंट्स के खिलाफ प्रतिरक्षा को मजबूत करती है. आईसीएमआर और भारत बायोटेक के अध्ययन में यह बात कही गई है.
अध्ययन में कहा गया है कि सीरियन हैमस्टर मॉडल (मनुष्य से जुड़ी बीमारियों का अध्ययन करने वाले पशु मॉडल) में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ टीकाकरण की दो तथा तीन खुराक के बाद भारत बायोटेक के कोवैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षात्मक क्षमता तथा ओमिक्रॉन के स्वरूपों के खिलाफ इसके प्रभाव का अध्ययन किया गया. इस अध्ययन के नतीजे मंगलवार को बायोआरक्सिव में प्रकाशित हुए.
3 खुराक से कम हो जाता है खतरा’
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक ने कहा, ‘‘डेल्टा संक्रमण के अध्ययन में, जब हमने दूसरी तथा तीसरी खुराक के बीच सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया की तुलना की, तो हम बूस्टर खुराक के फायदे को देख पाए. यद्यपि समूहों के बीच वायरस को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडी का स्तर तुलनात्मक था लेकिन टीकाकरण की तीन खुराकों के बाद फेफड़ों की बीमारी की गंभीरता कम पायी गयी.’’
दूसरे अध्ययन में तीसरी खुराक के बाद ओमीक्रोन के स्वरूपों-बीए.1 और बीए.2 के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया का अध्ययन किया गया. अध्ययन में प्लेसेबो समूहों के मुकाबले टीके की खुराक लेने वाले समूहों में कम वायरस शेडिंग, फेफड़ों का कम संक्रमण और फेफड़े की बीमारी की गंभीरता कम पायी गयी.
अध्ययन में कहा गया है, ‘‘मौजूदा अध्ययन के सबूत दिखाते हैं कि कोवैक्सीन बूस्टर टीकाकरण से सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा बढ़ जती है और डेल्टा तथा ओमीक्रोन स्वरूप संबंधी बीमारी की गंभीरता कम हो जाती है.’’
हाल ही में जर्मनी ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को अपनी मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी 1 जून से लागू होगी. इसका मतलब है कि अब जर्मनी की यात्रा करने वालों को टीकाकरण के प्रमाण की जरूरत नहीं होगी.