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शेयर बाजार

Inox Green Energy Services ने 740 करोड़ रुपए के आईपीओ के लिए सेबी के पास जमा किए फ्रेश पेपर

आइनॉक्स विंड की इकाई आइनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज भी आईपीओ लाने जा रही है. कंपनी आईपीओ के तहत 370 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी करेगी. आईपीओ से जुटाई राशि का उपयोग कर्ज के भुगतान और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

नई दिल्ली . आइनॉक्स विंड की इकाई आइनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज ने आईपीओ के जरिए 740 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास पेपर जमा किए हैं. शुक्रवार को जमा करवाए गए मसौदा दस्तावेज के अनुसार, कंपनी आईपीओ के तहत 370 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी करेगी. आइनॉक्स के प्रवर्तक 370 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाएंगे.

आईपीओ से जुटाई राशि का उपयोग कर्ज के भुगतान और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा. इससे पहले कंपनी ने फरवरी में आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज जमा करवाए थे, जिसे अप्रैल में बिना कोई कारण बताए वापस ले लिया गया था.

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कंपनी का बिजनेस

आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज विंड फॉर्म प्रोजेक्ट्स के लिए लॉन्ग टर्म ऑपरेशन और मेंटेनेंस (O&M) सर्विसेज प्रोवाइड करने के बिजनेस में है. खास तौर पर कंपनी विंड टर्बाइन जेनरेटर (WTG) और विंड फार्म पर कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी प्रोवाइड करने का काम करती है.

IPO की खास बातें

शुक्रवार को दायर ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, इस आईपीओ के तहत 370 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे. इसके अलावा, प्रमोटर आईनॉक्स विंड द्वारा 370 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत की जाएगी. कंपनी प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर विचार कर सकती है. अगर ऐसा प्लेसमेंट पूरा हो जाता है, तो नए इश्यू का आकार कम हो जाएगा. आईपीओ के ज़रिए प्राप्त फंड का इस्तेमाल कर्ज के भुगतान के लिए और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

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मार्केट सेंटिमेंट कमजोर

पिछले साल की तरह यह साल भी आईपीओ के लिए अच्छा रहने का अनुमान था. लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध और महंगाई की वजह से मार्केट का सेंटिमेंट खराब हो गया है. लिहाजा बहुत सारे आईपीओ या तो टल रहे हैं या उनके साइज को कम किया जा रहा है. मार्केट के हालात को देखते हुए एलआईसी के आईपीओ का साइज भी छोटा कर दिया गया था. इस समय घरेलू शेयर बाजार अपने 52 सप्ताह के लो पर ट्रेड कर रहे हैं. इसलिए कंपनियां अभी फिलहाल आईपीओ प्लान को आगे टाल रही हैं.

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