लखनऊ, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। मुख्तार अंसारी की कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग को लेकर याचिका दाखिल पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट जाने को कहा और इस संबंध में किसी भी तरह का आदेश पारित करने से भी मना कर दिया है। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट से इस मामले में तेजी से सुनवाई करने की बात भी कही है।
सुप्रीम कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी ने उनकी जान को खतरा बताते हुए याचिका दाखिल की थी। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से उत्तर प्रदेश की जेल ट्रांसफर किया गया। मुख्तार अंसारी की जान को खतरा है। वहां के नेता भी अपराधियों को गोली मारने की बात करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में अफशां अंसारी ने याचिका में कहा था कि मुख्तार अंसारी की जान को खतरा है और इस मामले में फेयर ट्रायल हो और मुख्तार अंसारी का एनकाउंटर न किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया था कि माफिया डान ब्रजेश सिंह सरकार का हिस्सा है और वो बेहद प्रभावशाली है। वह मुख्तार अंसारी की हत्या की साजिश कर सकता है। इसलिए कोर्ट में पेशी दौरान समुचित सुरक्षा दी जाए।
बता दें कि मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। मुख्तार अंसारी के बांदा जेल में शिफ्टिंग की उत्तर प्रदेश सरकार ने खासी तैयारियां की थीं। मुख्तार अंसारी के बांदा जेल पहुंचने से पहले बांदा जेल को पुलिस छावनी में बदल दिया गया था। यूपी में जान का खतरा बताते हुए मुख्तार अंसारी ने पंजाब में एक मामूली केस में समर्पण कर दिया था और तब से वहां की जेल में बंद था। पंजाब सरकार ने भी उसे यूपी ट्रांसफर किए जाने का विरोध किया था।