एक अभिभावक एक ही बच्चे के नाम पर पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) खोल सकता है. अगर किसी के दो बच्चे हैं तो एक नाबालिग बच्चे का PPF अकाउंट मां और दूसरे का पिता खुलवा सकता है. पीपीएफ अकाउंट में 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है.
नई दिल्ली. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत की एक बेहत लोकप्रिय बचत योजना है. इसके लोकप्रिय होने का कारण है इसका सुरक्षित होता, बढ़िया रिटर्न और टैक्स में छूट मिलना. फिलहाल पीपीएफ पर 7.1 फीसदी की वार्षिक दर से ब्याज दिया जा रहा है. यह काफी आकर्षक ब्याज दर है. यही कारण है पीएफ में बहुत ज्यादा लोग निवेश करते हैं.
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति अपने नाम पर केवल एक ही पीपीएफ खाता खुलवा सकता है. लेकिन ईपीएफओ उस व्यक्ति को अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोलने की सुविधा प्रदान करता है. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि एक अभिभावक एक ही बच्चे के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है. अगर किसी के दो बच्चे हैं तो एक नाबालिग बच्चे का PPF अकाउंट मां और दूसरे का पिता खुलवा सकता है.
500 रुपये से शुरू करें निवेश
नाबालिग के PPF अकाउंट के लिए भी एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक पीपीएफ खाते में जमा कराए जा सकते हैं. लेकिन अगर मां-पिता का खुद का PPF अकाउंट भी है तो उनके खुद के अकाउंट और नाबालिग के PPF अकाउंट, दोनों को मिलाकर अधिकतम निवेश की लिमिट 1.5 लाख रुपए सालाना ही रहेगी.
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मिलती है टैक्स छूट
पीपीएफ की खास बात यह है कि इसमें पूरी टैक्स छूट मिलती है. इसमें निवेश की गई राशि, निवेश से मिलने वाले ब्याज और निवेश की संपूर्ण राशि पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता. PPF पर मिलने वाले ब्याज की दर हर तीन महीने में बदलती है. इसकी एक खासियत यह है किपीपीएफ अकाउंट को किसी भी कोर्ट या आदेश द्वारा कर्ज या अन्य लायबिलिटी के समय जब्त नहीं किया जा सकता है.
बच्चे के 18 साल का होने पर बच्चा मैनेज कर सकता है अकाउंट
नाबालिग बच्चे के 18 साल का हो जाने के बाद अकाउंट का स्टेटस बदलने के लिए आवेदन करना होता है. इसके बाद बालिग हो चुका बच्चा अपना अकाउंट खुद से हैंडल कर सकता है. विशेष मामलों जैसे बच्चे की उच्च शिक्षा या बीमारी के इलाज के लिए अकाउंट को पांच साल बाद बंद भी कराया जा सकता है.
15 में होता है मैच्योर
PPF अकाउंट 15 साल में मैच्योर होता है. 15 साल बाद इससे पूरा पैसा आप निकाल सकते हैं. इसके अलावा 5-5 साल के लिए इसे बढ़ाया भी जा सकता है. इसका मतलब यह है कि 15 साल बाद भी अगर आपको पैसों की जरूरत नहीं है तो आप पांच साल के लिए इसमें और निवेश जारी रख सकते हैं.