Niti Aayog ने अनुमान जताया कि FY24 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में 20% की वृद्धि होनी चाहिए. नीति आयोग के अनुसार, इस मांग को बनाए रखने के लिए सरकारी सब्सिडी और प्रोत्साहन वित्त वर्ष 2031 तक जारी रहना चाहिए.
नई दिल्ली. देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग लगातार बढ़ रही है. इसको लेकर सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग (Niti Aayog) ने भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स (E2W) की भविष्यवाणी करते हुए एक नई रिपोर्ट जारी की है. नीति आयोग ने कहा है कि 2031 तक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर वाहनों की बिक्री 220.15 लाख तक पहुंच सकती है.
नीति आयोग ने अनुमान जताया कि FY24 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में 20% की वृद्धि होनी चाहिए. नीति आयोग के अनुसार, इस मांग को बनाए रखने के लिए सरकारी सब्सिडी और प्रोत्साहन वित्त वर्ष 2031 तक जारी रहना चाहिए. नीति आयोग ने दावा किया कि अगर वाहन के प्रदर्शन में सुधार किया जाए तो इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
2031 तक 21.86% हो जाएगी मांग
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मांग प्रोत्साहन और तकनीकी सुधार के साथ इलेक्ट्रिक टू व्हीलर 2031 तक 100% पैठ हासिल कर सकते हैं. वित्त वर्ष 24 के बाद मांग प्रोत्साहन वापस लेने के साथ, इलेक्ट्रिक टू व्हीलर की बिक्री की अधिकतम पहुंच 71.5% होगी. कोई तकनीकी सुधार नहीं होने और बैटरी की लागत में कोई कमी नहीं होने से 2031 तक मांग 21.86% हो जाएगी.
2030 तक दूसरा वाहन होगा इलेक्ट्रिक व्हीकल
हाल ही में काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया था कि 2030 तक दुनिया भर में हर दूसरा वाहन इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा. रिपोर्ट के अनुसार, खरीदारों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता का बढ़ना, कार्बन एमिशन स्टैंडर्ड, सरकार के प्रयास और कंपनियों के लिए बन रहा इकोसिस्टम दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को अपनाने में मदद कर रहा है.
तेजी से बढ़ रही इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग
बीते कुछ सालों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में तेजी से इजाफा हुआ है. हालांकि, यह अब भी उम्मीद से काफी कम है. 2021 के आंकड़ों को देखें को इस साल ग्लोबल पैसेंजर इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री सिर्फ 10 प्रतिशत थी. इलेक्ट्रिक व्हीकल के मामले में फिलहाल चीन सबसे आगे है. इसके बाद यूरोप और अमेरिका का नंबर आता है. भारत की बात करें तो यह वियतनाम, सिंगापुर, थाईलैंड और कनाडा की तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल मोबिलिटी को तेजी से अपनाने वाले देशों में शामिल होगा.