भारतीय शेयर बाजार में आईपीओ का क्रेज पिछले साल से ही जारी है. इस साल भी शुरुआती पांच महीनों में बड़ी संख्या में कंपनियों ने आईपीओ बाजार में उतारे हैं. लेकिन, लगातार आ रही गिरावट से कंपनियां अब सतर्क हो गई हैं. बावजूद इसके सेबी के पास अभी 52 कंपनियों के आवेदन हैं, जो बाजार में अपना आईपीओ लाने की तैयारी में हैं.
नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों में आईपीओ (IPO) का क्रेज कम नहीं हो रहा है. इस सेंटिमेंट का फायदा उठाने के लिए 50 और कंपनिया अपना ऑफर बाजार में उतारने की तैयारी कर रही हैं.
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मनीकंट्रोल के मुताबिक, PRIME Database के आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 के शुरुआती पांच महीने में ही 16 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 40,311 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं. यह पिछले साल मई तक जुटाई कुल रकम से करीब 43 फीसदी ज्यादा है. 2021 की मई तक आईपीओ के जरिये 17,496 करोड़ की रकम कंपनियों को मिली थी.
आईपीओ का क्रेज यहीं खत्म नहीं होता, अभी सेबी के पास 52 और कंपनियों के आवेदन पड़े हुए हैं. इन कंपनियों ने अपना DRHP फाइल कर दिया है, जिस पर बाजार नियामक सेबी को अंतिम फैसला लेना है. कंपनियों की यह संख्या साल 2007 के बाद सबसे ज्यादा है. यानी 15 साल में पहली बार आईपीओ के लिए इतनी बड़ी संख्या में कंपनियां आगे आईं हैं. 2007 में 121 कंपनियों ने अपना DRHP फाइल किया था.
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इस साल का आधा हिस्सा एलआईसी के पास
साल 2022 में कंपनियों की ओर से जुटाए गए कुल आईपीओ में से आधी हिस्सेदारी अकेले एलआईसी के पास गई है. इस सरकारी बीमा कंपनी ने अपनी हिस्सेदारी बेचकर 20,500 करोड़ रुपये जुटाए थे. इस साल बाजार में सूचीबद्ध हुई 31 कंपनियों में से 21 ने लिस्टिंग के दिन बढ़त हासिल की थी. लेकिन, मौजूदा समय में 19 कंपनियां अपने लिस्टिंग प्राइस से कम पर ट्रेडिंग कर रही हैं.
गिरते बाजार से घट रहा क्रेज
साल के शुरुआत चार महीनों में कंपनियों का आईपीओ के प्रति खास क्रेज रहा, लेकिन बाजार में जारी ताबड़तोड़ गिरावट से कंपनियां सतर्क हो गई हैं. अब DRHP फाइल होने की संख्या में भी गिरावट आ रही है. बाजार अभी अपने 52 सप्ताह के लो पर है. यही कारण है कि साल के शुरुआती चार महीने में जहां 10 आईपीओ हर महीने लांच हुए, वहीं मई में यह संख्या महज चार रह गई जबकि जून में सिर्फ 6 आईपीओ आए हैं.