Varanasi News: काशी में मां गंगा में स्नान और बाबा विश्वनाथ का दर्शन सदियों से सनातनी परंपरा रही है. तभी कहा गया है “चना चबैना गंगजल जो पुरवै करतार, काशी कबहुं न छोड़िये विश्वनाथ दरबार..”. अविरल व निर्मल मां गंगा का काशी में विशेष महात्म है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर उम्र और दिव्यांगजन के लिए गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाने लिए विशेष प्रबंध कर रही है. खिड़किया (नमो) घाट के सामने अविरल निर्मल गंगा की धारा में फ्लोटिंग जेटी पर बाथ कुंड बनाया जाएगा.
वाराणसी. यदि आप को तैरना नहीं आता और गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से डरते हैं तो अब घबराने की बात नहीं है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आप को गंगा में सुरक्षित स्नान कराने का प्रबंध कर रही है. पर्यटन की नई पहचान बना खिड़किया (नमो) घाट पर फ्लोटिंग जेट पर बाथ कुंड, चेंजिंग रूम, समेत कई सुविधा जल्द ही श्रद्धालुओं को मुहैया कराने जा रही है.
काशी में मां गंगा में स्नान और बाबा विश्वनाथ का दर्शन सदियों से सनातनी परंपरा रही है. तभी कहा गया है “चना चबैना गंगजल जो पुरवै करतार, काशी कबहुं न छोड़िये विश्वनाथ दरबार..”. अविरल व निर्मल मां गंगा का काशी में विशेष महात्म है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर उम्र और दिव्यांगजन के लिए गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाने लिए विशेष प्रबंध कर रही है. खिड़किया (नमो) घाट के सामने अविरल निर्मल गंगा की धारा में फ्लोटिंग जेटी पर बाथ कुंड बनाया जाएगा.
फ्लोटिंग जेटी पर मिलेगी ये सुविधाएं
वाराणसी स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने बताया कि करीब 2 करोड़ की लागत से खिड़किया घाट के सामने गंगा में फ्लोटिंग जेटी, बाथ और चेंजिंग रूम बनाया जाएगा. दो बाथ कुंड होगा जो करीब चार से पांच फ़िट गहरा होगा. इसके नीचे स्टेनलेस स्टील की जाली लगी होगी जिससे कोई डूबे नहीं. पूरी जेटी दिव्यांगों के अनुकूल रहेगी, जिससे वे भी गंगा स्नान कर सके. इसके अलावा 7 चेंजिंग रूम होगा, जिसमें 3 पुरुष, 3 महिलाओं और 1 वीआईपी चेंजिंग रूम होगा. बुलार्ड लाइट जेटी की खूबसूरती बढ़ाएगी. पर्यटकों की सुविधा के लिए जेटी पर क्रूज़ और अन्य बोट भी आ सकेंगी. किसी भी घटना या फिर दुर्घटना से निपटने के लिए रिलीफ़ बोट भी जेटी के दोनों छोर पर रहेगी. जेटी पर खड़े होकर पर्यटक धनुषाकार घाटों और नवनिर्मित नमो घाट का खूबसूरत नजारा देख सकेंगे. डॉ वासुदेवन ने बताया कि खिड़किया घाट पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत जेटी लगायी जाएगी. यदि सफ़ल रहा तो अन्य घाटों पर भी इसका प्रबंध किया जाएगा.