Amarnath Yatra Cloudburst: अमरनाथ में पवित्र गुफा के पास बादल फटने से 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, वहीं 62 लोग अब भी लापता हैं. हादसे के बाद सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं.
Amarnath Yatra Cloudburst: कश्मीर में स्थिच पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद आई बाढ़ में कई लोग बह गए. इस घटना में अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 62 लोग लापता हैं. हादसे के बाद अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है. हालात सामान्य होने के बाद फिर से यात्रा शुरू होगी. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. भारतीय सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं.
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रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
अमरनाथ यात्रा के लिए पहुंचे तीर्थ यात्रियों की मदद में आईटीबीपी के जवान जुटे हुए हैं. बचाव दल ने रेस्क्यू करके बाढ़ में फंसे लोगों को निकाला. इस हादसे में घायल लोगों का उपचार किया जा रहा है. बता दें कि शुक्रवार को अमरनाथ में बादल फटने के बाद भगदड़ मची थी. इस हादसे में कई लोग हुए घायल हुए. भगदड़ का एक वीडियो भी सामने आया है.
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों को उतारा गया
इसके अलावा अमरनाथ में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों को उतारा गया. गंभीर मरीजों को तुरंत शिफ्ट करने की तैयारी की गई. पुलिस और एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कई टेंट तथा सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए.
बचाव अभियान पूरा होने तक यात्रा पर रोक
जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने बातया कि इस त्रासदी के कारण अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गयी है तथा उसे बहाल का निर्णय बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद ही लिया जाए. अमरनाथ यात्रा तीन जून को शुरू हुई थी. एनडीआरएफ के निदेशक जनरल अतुल करवार ने बताया कि इस बल की एक टीम पहले से ही प्रभावित क्षेत्र में है तथा बरारी मार्ग एवं पंचतरणी से एक-एक और टीम वहां पहुंच गई है.
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कई टेंट पानी में बहे
अधिकारियों के अनुसार कि भारी बारिश के बीच शाम साढ़े पांच बजे बादल फटा तथा पहाड़ की ढलानों से पानी एवं गाद की मोटी धारा घाटी की ओर बहने लगी. गुफा के स्वचालित मौसम केंद्र के अनुसार साढे चार से साढे छह बजे तक 31 मिलीमीटर वर्षा हुई. जम्मू कश्मीर मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने कहा, ‘यह पवित्र गुफा के ऊपर बहुत ही सीमित बादल था. इस साल पहले ऐसी वर्षा हुई थी. लेकिन ऐसी बाढ़ नहीं आयी थी.’ अधिकारियों के मुताबिक गुफा के बाहर आधार शिविर में अचानक पानी आने से 25 टेंट और तीन सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए ,जहां तीर्थयात्रियों को भोजन दिया जाता है.
पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद ने जताया दुख
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने घटना के बाद ट्वीट किया, ‘ शोकसंतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है. बचाव एवं राहत कार्य वहां फंसे लोगों की मदद के लिए पूरी गति से चल रहा है.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना से दुखी हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। मनोज सिन्हा जी से बात की और स्थिति की जानकारी ली.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बचाव और राहत अभियान जारी है. प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है.’