रेल मंत्रालय ने प्रीमियम ट्रेनों में लगने वाला सर्विस चार्ज को खत्म कर दिया है.अब यात्री पानी,चाय सामान्य कीमत पर ले सकते हैं, लेकिन खाना के लिए 50 रुपये ज्यादा देने होंगे. इसको लेकर रेलवे ने IRCTC को सर्कुलर जारी किया है.
रेल मंत्रालय ने प्रीमियम ट्रेनों में लगने वाले सर्विस चार्ज को खत्म कर दिया है.अब यात्री पानी, चाय सामान्य कीमत पर ले सकते हैं, लेकिन खाना के लिए 50 रुपये ज्यादा देने होंगे. इसको लेकर रेलवे ने IRCTC को सर्कुलर जारी किया है. आईआरसीटीसी के सर्कुलर के अनुसार, उन यात्रियों को जिन्होंने टिकट के साथ खाने का ऑप्शन नहीं चुना है उनको अब चाय,पानी मौजूदा कीमतों पर ही, लेकिन नाश्ता, खाना के लिए 50 रुपया ज्यादा देना होगा. यह सर्विस चार्ज राजधानी, दुरंतो, शताब्दी और वंदे भारत ट्रेन में लगता था.
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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था मामला
बीते दिनों 50 रुपये सर्विस चार्ज लेने का मामला उस समय सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जब एक यात्री ने बिल की तस्वीर शेयर की. यात्री ने एक कप चाय के लिए 70 रुपये चुकाए थे. तस्वीर में देखा गया कि यात्री ने 20 रुपये के चाय के लिए 50 रुपये का सर्विस चार्ज दिया. यह मामला 28 जून का है, उस समय वह यात्री शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में दिल्ली से भोपाल जा रहा था.
फिलहाल इतना लगता था सर्विस चार्ज
अभी ट्रेन में यात्रा करते समय खाने – पीने के ऑर्डर पर आईआरसीटीसी (IRCTC) 50 रुपये का सर्विस चार्ज लेता था. रेल मंत्रालय द्वारा 13 मार्च 2018 को जारी एक आदेश के अनुसार, ट्रेन से यात्रा करते समय यात्रियों द्वारा आईआरसीटीसी को दिए गए ऑर्डर पर 50 रुपये का सेवा शुल्क लगाया गया था. वहीं अगर यात्रियों द्वारा उनकी रेल यात्रा के लिए खाना पहले से ही बुक किया जाता है, तो ऐसा कोई सेवा शुल्क नहीं लिया जाता है.
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4 जुलाई को को मिला था सर्विस चार्ज से छुटकारा
4 जुलाई को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने आदेश जारी किया था कि सेवा शुल्क की मांग करना अनुचित व्यापार व्यवहार होगा, और किसी भी होटल या रेस्तरां या किसी अन्य संस्था द्वारा ऐसा कोई सेवा शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए.
इसी महीने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने सर्विस चार्ज को लेकर नए नियम बनाए थे. सीसीपीए ने बिल में स्वत: लगने वाले सर्विस चार्ज पर पाबंदी लगा दी है. यानी अब होटल और रेस्टोरेंट में ग्राहकों को सर्विस चार्ज का पेमेंट करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। यह एक स्वैच्छिक विकल्प होगा।
सर्विस चार्ज को लेकर रेलवे का तर्क
रेलवे बोर्ड का तर्क है कि एडवांस टिकट बुकिंग में कैटरिंग ठेकेदार को जानकारी रहती है कि सफर के दौरान कितने यात्रियों को चाय, नाश्ता, दोपहर व रात का खाना देना है. लेकिन सफर के बीच में ऑर्डर मिलने पर खानपान का इंतजाम करने के लिए रेलवे को अगले स्टेशनों पर होटल-रेस्तरां आदि से खाना मांगना पड़ता है. इसके अलावा प्रत्येक ट्रेन में एडवांस बुकिंग के अलावा खाना लेकर चलने पर बिक्री नहीं होने से ठेकेदार को नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए सफर के दौरान खाना, चाय-कॉफी पर अतिरिक्त 50 रुपये सर्विस चार्ज का प्रावधान किया गया था.