कर्मचारी भविष्य निधि खाते यानी पीएफ खाते में अंशदान अगर किसी कारणवश बंद हो जाता है तो आपके पैसे का क्या होगा. कई बार ऐसे सवाल सामने आते हैं कि ऐसे खाते में भी क्या ईपीएफओ ब्याज का भुगतान देगा और कितने समय तक ऐसे खाते में ब्याज मिल सकता है. इन सभी सवालों के जवाब एक्सपर्ट से जानने की कोशिश करते हैं.
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नई दिल्ली. दिल्ली के रहने अमित कुमार ने कोविड-19 महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम पाने के लिए अपनी नौकरी बदल दी. आईटी क्षेत्र में काम करने वाले अमित का कंपनी अच्छा-खास पीएफ भी काटती थी. अमित ने नौकरी बदलने के बाद अपना पीएफ खाता (PF Account) दूसरी कंपनी में ट्रांसफर नहीं कराया.
अब अमित इस बात को लेकर परेशान हैं कि जिस खाते में उनका अंशदान नहीं हो रहा है, उसका क्या होगा? कहीं उनका पैसा फंस तो नहीं जाएगा या उन्हें उस खाते पर ब्याज मिलेगा या नहीं. अमित की तरह ही कई लोग अपने पीएफ खाते को लेकर इस तरह की शंकाओं से परेशान हो सकते हैं. अमित के इन सवालों का जवाब और उनकी सभी शंकाओं को एक्सपर्ट के नजरिये से समझने का प्रयास करते हैं.
कब तक एक्टिव रहेगा खाता
निवेश सलाहकार बलवंत जैन बताते हैं कि अगर आपने कंपनी बदल दी और अपना खाता ट्रांसफर नहीं कराया या आपकी कंपनी ही बंद हो गई और पीएफ में अंशदान रुक गया. ऐसे मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) आपके खाते को 36 महीने तक चलाए रखता है. अगर 36 महीने तक कोई ट्रांजेक्शन आपके पीएफ खाते में नहीं होता तो आपका खाता अपने आप बंद हो जाएगा. EPFO ऐसे खातों को इनऑपरेटिव कैटेगरी में डाल देता है. इसका मतलब है कि आपका खाता अब ऑपरेट नहीं हो रहा है.
क्या होगा ब्याज का
अब सवाल उठता है कि ऐसे इनऑपरेटिव खाते पर क्या आगे भी ब्याज मिलता रहेगा, तो इसका जवाब है-हां. यानी अमित कुमार का खाता इनऑपरेटिव तो हो गया है लेकिन खाते में जमा रकम डूबेगी नहीं और उस पर पहले की तरह ही ब्याज भी मिलता रहेगा. पीएफ खाते में बिना किसी अंशदान के भी खाताधारक को सालाना ब्याज मिलता रहेगा. EPFO इस ब्याज की अदायगी खाताधारक के 58 साल की उम्र होने तक करता रहेगा. यह सेवानिवृत्त की उम्र मानी जाती है और इसके बाद ब्याज देना बंद हो जाएगा. EPFO मान लेता है कि इस उम्र के बाद आपका खाता मेच्योर हो चुका है.
इनऑपरेटिव खाते से रकम कैसे निकालें
अगर आपका पीएफ अकाउंट इनऑपरेटिव हो गया है तो भी आप उसमें जमा राशि पर क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले आपको अपने नियोक्ता से सर्टिफाई कराना होगा. अगर किसी कर्मचारी की कंपनी बंद हो चुकी है और उसका खाता भी इनऑपरेटिव कैटेगरी में चला गया है तो उन्हें अपना क्लेम पाने के लिए बैंक से डॉक्यूमेंट के जरिये केवाईसी करानी होगी. इसके बाद खाते में जमा रकम को निकाला जा सकता है.
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कब और कैसे इनएक्टिव हो जाता है खाता
-अगर खाताधारक स्थायी तौर पर विदेश चला गया है तो अकाउंट इनएक्टिव हो जाएगा.
-अगर खाताधारक की मौत हो जाती है.
-खाते से सारा पैसा निकाल लिया गया है.
-अगर खाते को लेकर 7 साल तक कोई क्लेम नहीं करता है तो उसे सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में डाल दिया जाता है.