नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने बुधवार को टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ) स्कीम को अपनी मंजूरी दे दी। इस स्कीम के तहत पांच वर्षो में टेक्सटाइल से जुड़े मैन-मेड फैब्रिक (एमएमएफ), मैन-मेड फैब्रिक अपैरल और टेक्निकल टेक्सटाइल से जुड़े उत्पादन में बढ़ोतरी करने पर 10,683 करोड़ रुपये के इंसेंटिव दिए जाएंगे। मंत्रालय के मुताबिक पीएलआइ स्कीम की मदद से पांच वर्षो में इन क्षेत्रों में 19,000 करोड़ रुपये के नए निवेश का अनुमान है, जिससे प्रत्यक्ष तौर पर 7.5 लाख नए रोजगार निकलेंगे।
कम से कम 100 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली कंपनियां ही इस स्कीम में शामिल हो सकेंगी। देसी-विदेशी सभी कंपनियां पीएलआइ स्कीम का लाभ ले सकेंगी। टेक्सटाइल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में निवेश करने वाली कंपनियों को इस स्कीम में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल उत्पादन से जुड़े गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व ओडिशा जैसे राज्यों को इसका लाभ मिलेगा।
लेकिन बिहार जैसे राज्य भी अपने यहां निवेश कराकर इस स्कीम का लाभ ले सकते हैं। भारतीय टेक्सटाइल में काटन से जुड़े आइटम की हिस्सेदारी अधिक है जबकि दुनिया के टेक्सटाइल बाजार में दो तिहाई हिस्सेदारी मैन-मेड फैब्रिक और उससे बनने वाले अपैरल और टेक्निकल टेक्सटाइल की है।15 फीसद और 11 फीसद होगी इंसेंटिव की दरटेक्सटाइल मंत्रालय के सचिव उपेंद्र प्रसाद ¨सह ने बताया कि पीएलआइ स्कीम में शामिल होने के लिए पहली नवंबर से आवेदन मंगाए जा सकते हैं।
आवेदन देने की आखिरी तिथि इस वर्ष 31 दिसंबर हो सकती है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 में निवेशकों को निवेश के लिए समय दिया जाएगा। उसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 से लेकर अगले पांच वर्षो के बीच स्कीम के तहत इंसेंटिव दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 100 करोड़ रुपये के निवेश वालों को एक वर्ष में अपने टर्नओवर को 200 करोड़ तो 300 करोड़ निवेश वाली कंपनियों को एक वर्ष में अपने टर्नओवर को 600 करोड़ करना होगा, तभी वे इंसेटिव ले सकेंगी। 300 करोड़ रुपये या इससे अधिक के निवेश पर 15 फीसद का इंसेंटिव मिलेगा तो 100 करोड़ से अधिक और 300 करोड़ से कम के निवेश पर सालाना 11 फीसद का इंसेटिव दिया जाएगा।
सिर्फ घरेलू स्तर पर भी टर्नओवर बढ़ने पर इंसेंटिव का लाभ मिलेगा, इसके लिए निर्यात की अनिवार्यता नहीं होगी। ¨सह ने बताया कि 25-30 विदेशी कंपनियां भारत में मैनमेड फैब्रिक और टेक्निकल टेक्सटाइल में निवेश करने में दिलचस्पी दिखा रही है। बाक्ससिर्फ इलेक्टि्रक और हाइड्रोजन वाहनों के लिए अगले सप्ताह पीएलआइसरकार अगले सप्ताह आटो और आटो कंपोनेंट्स के लिए पीएलआइ स्कीम की घोषणा कर सकती है। लेकिन सिर्फ इलेक्टि्रक और हाइड्रोजन वाहनों के उत्पादन पर पीएलआइ स्कीम का लाभ दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि नई तकनीक को प्रोत्साहन की जरूरत होती है। आटो और आटो कंपोनेंट्स के लिए लगभग 26,000 करोड़ रुपये की पीएलआइ स्कीम लाई जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक कंपोनेंट के तहत भी इलेक्टि्रक और हाइड्रोजन वाहनों से जुड़े कंपोनेंट शामिल होंगे।