इस 15 अगस्त आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक ऐसी झील की सैर कर सकते हैं, जो करीब 52 हजार साल पहले उल्कापिंड गिरने से बनी थी. यह झील इतनी सुंदर है कि सैलानी इसको देखते ही मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.
Lonar Lake Maharashtra: इस 15 अगस्त आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक ऐसी झील की सैर कर सकते हैं, जो करीब 52 हजार साल पहले उल्कापिंड गिरने से बनी थी. यह झील इतनी सुंदर है कि सैलानी इसको देखते ही मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. आइये इस झील के बारे में विस्तार से जानते हैं.
देशभर से लोनार झील को देखने आते हैं पर्यटक
यह लोनार झील है जिसे देखने के लिए देशभर से पर्यटक आते हैं. यह सुंदर झील महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित है. लोनार झील मुंबई से करीब 483 किमी और औरंगाबाद शहर से 148 किमी की दूरी पर है. इस झील की ऊंचाई करीब 1850 फीट है. इस झील का निर्माण प्लेइस्टोसिन युग में उल्कापिंड गिरने से हुआ था. बाद में यह गड्ढानुमा झील में तब्दील हो गई. इस झील का व्यास लगभग 4000 फीट है और गहराई लगभग 450 फीट है.
एक ब्रिटिश अधिकारी ने की थी इस झील की खोज
इस खूबसूरत झील की खोज एक ब्रिटिश अधिकारी ने की थी. यह अंडाकर झील पृथ्वी पर एक धूमकेतु के टकराने से बनी थी. इस झील को लेकर कहा जाता है कि कई पौराणिक ग्रंथों में भी इसका जिक्र मिलता है. ऋग्वेद और स्कंद पुराण में इस झील का जिक्र मिलने की बात कही जाती है. कहा जाता है कि पद्म पुराण और आईन-ए-अकबरी में भी लोनार झील का जिक्र किया गया है.
कुछ साल पहले पानी के रंग बदलने की वजह से भी यह झील चर्चाओं में आई थी. उस वक्त इस झील का पानी लाल हो गया था जिसे लोग चमत्कार मान रहे थे. हालांकि बाद में वैज्ञानिकों के शोध में पता चला कि यहां के पानी में हालोआर्चिया नामक जीवाणु बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जिस कारण इसका पानी लाल हुआ है.