नई दिल्ली, पीटीआइ। कारीगरी और नई जीवन शैली के उत्पादों के खुदरा विक्रेता फैबइंडिया (Fabindia) एक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के माध्यम से एक अरब डॉलर तक जुटाने का विचार कर रही हैं। घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है। कंपनी ने हालांकि कहा है कि वह समय-समय पर पूंजी संबंधी विभिन्न विकल्पों पर विचार करती है और अपने बैंकरों से सलाह लेती रहती है। हालांकि, उसने इस दिशा में आगे बढ़ने संबंधी किसी जानकारी की पुष्टि करने से इनकार कर दिया।
एसबीआई कैपिटल मार्केट्स निवेश बैंक है
माना जाता है कि कंपनी अपने आईपीओ के प्रबंधन के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और जेपी मॉर्गन सहित कई निवेश बैंकों के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि फैबइंडिया के नवंबर अंत तक आईपीओ का मसौदा दस्तावेज, बाजार नियामक सेबी के पास जमा करने की उम्मीद है।
कंपनी द्वारा आईपीओ के माध्यम से लगभग 25-30 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की उम्मीद है। इसके मौजूदा शेयरधारक, जैसे अजीम प्रेमजी का निजी इक्विटी फंड प्रेमजीइन्वेस्ट, कंपनी में आंशिक हिस्सेदारी बेच सकते हैं।
नंदन नीलेकणि कंपनी में हैं शेयरधारक
इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि और उनकी पत्नी रोहिणी नीलेकणि भी कंपनी की शेयरधारक हैं। संपर्क करने पर फैबइंडिया समूह के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कंपनी समय-समय पर पूंजी से संबंधित विभिन्न विकल्पों पर विचार करती रहती है। हम अपने बैंकरों से भी सलाह लेते हैं। सही समय पर, हम निदेशक मंडल के साथ किसी भी योजना पर चर्चा करेंगे और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। इस विषय पर टिप्पणी करने के लिए हमारे पास और कुछ नहीं है।’’
वर्ष 1960 में स्थापित, फैबइंडिया, मुख्य रूप से भारत में ग्रामीण रोजगार प्रदान करने और बनाए रखने में मदद करने वाले गांवों से अपने उत्पादों को खरीदती है। रिपोर्टों के अनुसार, ये उत्पाद मौजूदा समय में पूरे भारत में 40,000 से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा उत्पादित किए जाते हैं।