Finance Ministry : अगस्त माह की खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए गए हैं, जिसमें बताया गया है कि खुदरा महंगाई बढ़कर साथ फीसदी पर पहुंच गई है. महंगाई रोकना केंद्र सरकार के लिए एक चुनौती बन गई है. इसके लिए सरकार की तरफ से तमाम तरीके अपनाए जा रहे हैं, लेकिन महंगाई को नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो गया है.
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Finance Ministry : वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि मुद्रास्फीति में वृद्धि का कारण प्रतिकूल तुलनात्मक आधार के अलावा खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दाम में आई तेजी है. इसके साथ ही उसने भरोसा जताया कि महंगाई को काबू में लाने के लिये उठाए गए कदमों का आने वाले महीनों में असर दिखेगा.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त महीने में बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच गयी जबकि जुलाई के महीने में यह 6.71 प्रतिशत थी.
मंत्रालय ने कहा कि अगस्त में प्रमुख मुद्रास्फीति 5.9 प्रतिशत रही है जो लगातार चौथे महीने रिजर्व बैंक के अधिकतम संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत से नीचे है. प्रमुख मुद्रास्फीति में खाद्य और ऊर्जा उत्पादों के दाम शामिल नहीं होते हैं.
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति (सकल मुद्रास्फीति) जुलाई 2022 में 6.71 प्रतिशत से मामूली बढ़कर अगस्त महीने में सात प्रतिशत पर पहुंच गयी. इसका कारण प्रतिकूल तुलनात्मक प्रभाव और खाद्य तथा ईंधन के दाम में आई तेजी है.’’
The headline inflation based on retail CPI recorded a moderate increase from 6.71 % in July 22 to 7.0 % in August 22. This increase is attributable both to an adverse base effect and an increase in food & fuel prices – the transient components of CPI inflation. (1/7)
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 12, 2022
To soften the prices of edible oils & pulses, tariffs on imported items have been rationalized periodically & stock limits on edible oils have been kept, to avoid hoarding.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 12, 2022
Inflation in “oils and fats” &“pulses and products” have moderated to 5.62 % & 2.52 % respectively. (6/7)
Government has prohibited exports of food products like wheat flour/atta, rice, maida, etc to keep domestic supplies steady and curb rise in prices. The impact of these measures is expected to be felt more significantly in the coming weeks and months. (7/7)
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 12, 2022
हालांकि मंत्रालय ने उम्मीद जतायी है कि सरकार ने आटा, चावल, मैदा आदि के निर्यात पर जो पाबंदी लगायी है, उससे इन जिंसों के दाम में नरमी आने की संभावना है.
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मंत्रालय के अनुसार, ‘‘सरकार ने घरेलू आपूर्ति बनाये रखने और कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिये गेहूं आटा, चावल मैदा आदि के निर्यात पर प्रतिबंध लगाये है. इन उपायों का आने वाले महीनों में उल्लेखनीय सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.’’