तुलसी के पौधे को पूजनीय और पवित्र माना जाता है, इसलिए हर घर में इसकी पूजा की जाती है. तुलसी की पत्तियां पूजा-पाठ के दौरान चढ़ाते हैं. लेकिन तुलसी के पत्ते तोड़ने के कुछ नियम होते हैं. यदि आप तुलसी की पत्तियां तोड़ते समय इन नियमों का पालन नहीं करते तो इससे दुर्भाग्य आता है.
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है. यह पूजनीय और पवित्र पौधा माना गया है, जोकि लगभग हर घर के आंगन में लगा होता है. घर पर हरा-भरा तुलसी का पौधा पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक होता है. हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को तीर्थ स्थान के समान मानकर इसकी पूजा और परिक्रमा करने का विधान है. साथ ही कई धार्मिक अनुष्ठानों में भी तुलसी की पत्तियों का प्रयोग का जाता है. भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा तो तुलसी अर्पित किए बिना अधूरी मानी जाती है. तुलसी पत्ते से किए गए व्रत, यज्ञ, जप, होम और हवन से पुण्यफल की प्राप्ति होती है.
पुराणों में तुलसी की पत्तियों को तोड़ने के कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. यदि आप किसी भी दिन और समय में तुलसी की पत्तियां तोड़ लेते हैं तो इससे घर में दुर्भाग्य आ सकता है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम और मंत्रों के बारे में.
तुलसी पत्ते तोड़ने के नियम
- एकादशी का दिन भगवान विष्णु जी की पूजा के लिए समर्पित होता है. भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय होती है. इसके बिना विष्णु जी की कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है. लेकिन एकादशी को तुलसी पत्ते न तोड़े. एकादशी के दिन चढ़ाने के लिए आप एक दिन पहले दशमी तिथि को ही तुलसी पत्ते तोड़कर रखें.
गंगाजल के समान तुलसी की पत्तियां भी बासी नहीं होती हैं और पवित्र रहती हैं. - एकादशी के साथ ही रविवार, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दिन भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. इन दिनों में तोड़े गए तुलसी की पत्तियों से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता. रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना और छूना भी वर्जित माना जाता है.
- सूर्यास्त के बाद कभी भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें. सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते तोड़ने से घर में दुर्भाग्य आता है.
- तुलसी का पौधा पूजनीय होता है, इसलिए इसकी पत्तियां तोड़ते समय विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले हाथ जोड़कर प्रार्थना करनी चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखें कि पत्तियों को नाखून की सहायता से न तोड़ें.
तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले बोले ये तीन मंत्र
- ॐ सुभद्राय नम:
- ॐ सुप्रभाय नम:
- मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।।