नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Share Market की मंगलवार को अच्छी शुरुआत हुई। Sensex पुराने स्तर से 193 अंक ऊपर 58,482.62 पर खुला। बैंकिंग शेयरों में अच्छा कारोबार देखा गया। लगभग सभी बैंकिंग स्टॉक आधे फीसद से 1 फीसद तक ऊपर चढ़े हुए थे। वहीं Nifty 50 Index भी 50 अंक से ज्यादा ऊपर खुला। खबर लिखे जाने तक Nifty 17409 अंक ऊपर कारोबार कर रहा था।
हालांकि इससे पहले सोमवार को Share Market में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों हल्के नुकसान के साथ बंद हुए थे। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) में गिरावट का असर बाजार पर पड़ा था। कंपनी के सस्ता स्मार्टफोन पेश करने में देरी से शेयर नीचे आ गया था। कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट से भी निवेशक जोखिम लेने से बचे।
30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 127.31 अंक यानी 0.22 प्रतिशत टूटकर 58,177.76 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 13.95 अंक यानी 0.08 प्रतिशत फिसलकर 17,355.30 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में 2.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर रहा। कंपनी ने गूगल के साथ मिलकर विकसित किये जा रहे सस्ते स्मार्टफोन को पेश करने का कार्यक्रम दिवाली तक टाल दिया। इसके बाद, कंपनी का शेयर नीचे आ गया। संभवत: सेमीकंडक्टर की समस्या के कारण यह कदम उठाया गया है। जियो फोन नेक्स्ट को पिछले सप्ताह 10 सितंबर को पेश करने की योजना थी।
इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक, एचयूएल, एचडीएफसी बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक और टेक महिंद्रा में भी प्रमुख रूप से 1.79 प्रतिशत तक की गिरावट रही।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टीसीएस, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, मारुति और कोटक बैंक शामिल हैं। इनमें 1.38 प्रतिशत की तेजी आयी। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 20 लाभ में रहें।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति आंकड़ा आने से पहले उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में भारतीय शेयर बाजार नुकसान में रहे। बेहतर संकेत के बावजूद, वैश्विक बाजार एशियाई बाजारों को गति देने में विफल रहें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा में वृद्धि और मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ा दिया। इसका कारण आर्थिक पुनरूद्धार में तेजी है। इसके साथ महामारी से अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिये शुरू किये गये बांड खरीद कार्यक्रम की गति हल्की की गयी है।’’