नई दिल्ली: Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की अंतिम तारीख भले ही 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 कर दी गई हो, लेकिन किसे टैक्स रिटर्न भरना है और किसे नहीं इसे लेकर थोड़ा कंफ्यूजन बना रहता है. कुछ लोगों को लगता है कि उनकी सैलरी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है इसलिए उन्हें ITR भरने की जरूरत नहीं है. ऐसे में आपको ये पता होना चाहिए कि टैक्स भरना और ITR फाइल करना दो अलग अलग चीजें हैं. यानी भले ही आप टैक्स के दायरे में नहीं आते, लेकिन तब भी आपको ITR भरना चाहिए.
किसी की कमाई बेसिक छूट की सीमा (Basic Exemption Limits) से ज्यादा होने पर उसे ITR भरना होता है. 60 साल से कम उम्र के वो सभी लोग जिनकी सालाना टैक्सेबल इनकम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें टैक्स चुकाना होता है, 60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम उम्र के लोगों के लिए ये लिमिट 3 लाख रुपये है. 80 साल से ज्यादा लोगों को 5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है.
इन्हें नहीं भरना होगा ITR
हालांकि ऐसे बुजुर्ग जिनकी उम्र 75 साल या इससे ज्यादा है, उन्हें वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने से छूट दी गई है. आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री ने ऐलान किया था कि 75 साल और इससे ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन को टैक्स रिटर्न दाखिल करने से छूट मिलेगी, बशर्ते उनकी कमाई का जरिया पेंशन और उसी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज है.
फॉर्म 12BBA नोटिफाई
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ऐसे सीनियर सिटीजंस के लिए नियमों और डेक्लरेशन Form 12BBA को नोटिफाई कर दिया है. सीनियर सिटीजन को यह फॉर्म बैंक में जमा कराना होगा, जो पेंशन और ब्याज आय पर टैक्स काटकर उसे सरकार के पास जमा कराएंगे. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट उन्हीं मामलों में मिलेगी, जिनमें ब्याज इनकम उसी बैंक से हुई हो, जहां पेंशन जमा होती है. इस फॉर्म को भरने से टैक्सपेयर्स को टीडीएस क्लेम करने से भी राहत मिलेगी क्योंकि उनका बैंक उस टैक्स स्लैब में नहीं आने पर ब्याज आय से 10% टीडीएस नहीं काटेगा.
अभी क्या है नियम
वर्तमान में, बैंक 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक के लिए एक वर्ष में मिले 50,000 रुपये से ज्यादा के एफडी ब्याज पर 10% टीडीएस काटते हैं. ऐसे वरिष्ठ सीनियर सिटिजन टैक्सपेयर्स जिनकी कुल टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये छूट सीमा से कम है, वो अपने FD ब्याज पर इस कटौती को रोकने के लिए अपने बैंकों के साथ फॉर्म 15H जमा कर सकते हैं. हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक की टैक्सेबल इनकम वाले टैक्सपेयर्स टीडीएस कटौती से बच नहीं सकते. उनसे 10% की फ्लैट दर पर टीडीएस उनकी ब्याज आय से काटा जाता है, भले ही उनकी कुल टैक्सेबल इनकम उनकी आय के 10% से कम हो. ये टैक्सपेयर्स बाद अतिरिक्त टीडीएस के खिलाफ रिफंड का दावा करते हैं.
फॉर्म 12BBA से क्या होगा
लेकिन, फॉर्म 12BBA भरने से इन करदाताओं को टैक्स रिफंड क्लेम करने के झंझट से नहीं गुजरना पड़ेगा. क्योंकि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की अधिसूचना के मुताबिक, बैंक वरिष्ठ नागरिकों के आयकर में ‘प्रभावी दरों’ के अनुसार कटौती करेगा, यानी टैक्स कटौती लागू टैक्स स्लैब के मुताबिक होगी और FD ब्याज पर अलग से TDS नहीं काटा जाएगा. CBDT ने 2 सितंबर को फॉर्म 12BBA को नोटिफिकेशन जारी किया गया था कि एक सीनियर सिटिजन को टैक्स रिटर्न दाखिल करने से छूट का लाभ उठाने के लिए अपने संबंधित बैंक में जमा करना होगा.